लोस अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों के नाम नोट करने का दिया निर्देश

नयी दिल्ली : लोकसभा में कई दिनों से हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों के प्रति कडा रुख अपनाते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने ऐसे सदस्यों के नाम नोट करने का निर्देश दिया. उन्होंने सदस्यों को नियमानुसार आचरण करने की नसीहत दी. अध्यक्ष ने कुछ विपक्षी सदस्यों के कार्यस्थन प्रस्ताव के नोटिस को अस्वीकार करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 12:25 PM

नयी दिल्ली : लोकसभा में कई दिनों से हंगामा कर रहे कांग्रेस सदस्यों के प्रति कडा रुख अपनाते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने ऐसे सदस्यों के नाम नोट करने का निर्देश दिया. उन्होंने सदस्यों को नियमानुसार आचरण करने की नसीहत दी. अध्यक्ष ने कुछ विपक्षी सदस्यों के कार्यस्थन प्रस्ताव के नोटिस को अस्वीकार करते हुए मामले को शून्यकाल में उठाने को कहा.

हालांकि, सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे अरुणचल प्रदेश के मुद्दे पर कुछ बोलना चाहते थे, लेकिन अध्यक्ष ने उनसे शून्यकाल में अपनी बात रखने को कहा, सुमित्रा महाजन ने कहा कि सदन में नियमानुसार ही कार्यवाही चलेगी, अदालत ने कुछ कहा, उसका यहां क्या मतलब ? उन्होंने कहा, ‘‘ कुछ लोग यहां हैं जिन्होंने सालों तक शासन चलाया, सालों तक सदन संचालन का अनुभव है. सदन नियमों के अनुसार ही चलता है. अनुभवी लोगों ने इन नियमों को बनाया है. कुछ लोग आसन के समीप नारेबाजी करते हैं, सदन का संचालन उन नारों के आधार पर नहीं होता है.”

प्रश्नकाल में स्वास्थ्य मंत्रालय संबंधी प्रश्न उत्तर चल रहे थे और उसी संदर्भ में हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘ आप पूरे सदन का स्वास्थ्य खराब कर रहे हैं.” अध्यक्ष ने सदस्यों से कहा कि नियमानुसार कोई विषय लाएं तभी मौका दिया जा सकता है. कल भी मैंने यह बात कही थी. मैं किसी को मना नहीं करती हूं.” कांग्रेस सदस्य हालांकि इससे संतुष्ट नहीं हुए और आसन के समीप आकर नारेबाजी करते रहे.

इस दौरान प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रही। कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी और शोर शराबे से एक समय अध्यक्ष इतनी क्षुब्ध हो गईं कि उन्होंने अधिकारियों से हंगामा कर रहे सदस्यों के नाम नोट करने को कहा. सदन में कांग्रेस सदस्यों ने आसन के समीप आकर ‘ प्रधानमंत्री होश में आओ ‘, कारपोरेट राज नहीं चलेगा, अरुणाचल का अपमान नहीं चलेगा’ के नारे लगाए। सदन में हालांकि उस समय प्रधानमंत्री मौजूद नहीं थे.

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