नोटा के प्रचार-प्रसार से संबंधित याचिका खारिज
जबलपुर : इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन :ईवीएम: में ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ (नोटा )के विकल्प का व्यापक रुप से प्रचार-प्रसार नहीं किये जाने को लेकर उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका को अदालत ने चुनाव सम्पन्न हो जाने की वजह से खारिज कर दिया है. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अजय मानिकराव खानविलकर एवं न्यायमूर्ति […]
जबलपुर : इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन :ईवीएम: में ‘उपरोक्त में से कोई नहीं’ (नोटा )के विकल्प का व्यापक रुप से प्रचार-प्रसार नहीं किये जाने को लेकर उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका को अदालत ने चुनाव सम्पन्न हो जाने की वजह से खारिज कर दिया है.
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अजय मानिकराव खानविलकर एवं न्यायमूर्ति के.के. लाहोटी की युगलपीठ ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी किये गये दिशा–निर्देशों का हवाला देते हुए और विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो जाने की वजह से दायर याचिका कल खारिज कर दी.युगलपीठ ने मामले में आवेदकों को स्वतंत्रता दी है कि उक्त मामले से जो पीड़ित हैं, वे अलग से उच्च न्यायालय की शरण ले सकते हैं.
सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय वाते की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर निर्वाचन आयोग ने ईवीएम में नोटा का विकल्प मतदाताओं को दिया था और साथ ही नोटा का व्यापक प्रचार–प्रसार करने के निर्देश भी शीर्ष अदालत ने भारत सरकार और निर्वाचन आयोग को दिये थे.
याचिका में कहा गया था कि विधानसभा चुनाव में नोटा का प्रचार–प्रसार व्यापक रुप से नहीं किया गया, जिसके कारण मतदाताओं को इस विकल्प के बारे में जानकारी तक नहीं थी.जो लोग खुद ही नोटा को लेकर जागरुकता फैला रहे थे, सरकार ने उनके खिलाफ ही कार्यवाही की, जो अवैधानिक है.