‘आप’ उम्मीदवार की अर्जी खारिज
नयी दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी(आप) के एक उम्मीदवार की वह अर्जी आज खारिज कर दी जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वह उन्हें किसी और राज्य के अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने की इजाजत दे. न्यायमूर्ति एस के मिश्र ने ‘आप’ […]
नयी दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी(आप) के एक उम्मीदवार की वह अर्जी आज खारिज कर दी जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वह उन्हें किसी और राज्य के अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र पर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने की इजाजत दे.
न्यायमूर्ति एस के मिश्र ने ‘आप’ उम्मीदवार गजानंद की अर्जी खारिज की. राजस्थान का अनुसूचित जाति प्रमाण-पत्र होने के कारण निर्वाचन अधिकारी ने गजानंद का नामांकन खारिज कर दिया था. उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला देते हुए न्यायमूर्ति मिश्र ने कहा कि नामांकन को खारिज करने या उसे स्वीकार करने का फैसला चुनाव आयोग का होता है, लिहाजा वह उसके निर्णय में दखल नहीं दे सकते.
गजानंद ने 16 नवंबर को बवाना विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया था पर उसे यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि उन्हें दिल्ली सरकार द्वारा जारी जाति प्रमाण-पत्र जमा करना चाहिए.दिल्ली सरकार ने यह कहते हुए गजानंद को नया जाति प्रमाण-पत्र जारी करने से इंकार कर दिया था कि वह नए दस्तावेज नहीं जारी कर सकती क्योंकि उनके पास राजस्थान सरकार की ओर से जारी मान्य जाति प्रमाण-पत्र पहले से मौजूद है. इसके बाद दिल्ली सरकार के रवैये से नाखुश गजानंद ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था. ‘आप’ गजानंद की जगह पहले ही मनोज को बवाना से अपना उम्मीदवार बना चुकी है.