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डीडीसीए मामला : कीर्ति आजाद का दावा, 14 कंपनियों ने किया करोड़ों का घोटाला

नयी दिल्ली :डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज प्रेस कॉन्‍फ्रेंस किया. उन्‍होंने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में अरुण जेटली पर सीधे-सीधे आरोप नहीं लगाये. उन्‍होंने आरंभ में ही कहा कि उनका किसी के खिलाफ व्‍यक्तिगत हमला नहीं है, बल्कि उनका भ्रष्‍टाचार के खिलाफ आवाज है. आजाद […]

नयी दिल्ली :डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज प्रेस कॉन्‍फ्रेंस किया. उन्‍होंने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में अरुण जेटली पर सीधे-सीधे आरोप नहीं लगाये. उन्‍होंने आरंभ में ही कहा कि उनका किसी के खिलाफ व्‍यक्तिगत हमला नहीं है, बल्कि उनका भ्रष्‍टाचार के खिलाफ आवाज है. आजाद के साथ प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में पूर्व भारतीय कप्‍तान बिशन सिंह बेदी भी मौजूद थे.

कीर्ति आजाद ने 28 मिनट का एक वीडियो फुटेज जारी किया. जिसे विकीलीक्स फॉर इंडिया ने तैयार किया है. विकीलीक्‍स की ओर से जारी वीडियो पांच भागों में बंटी हुई है. प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में आजाद ने कहा, मेरा किसी के खिलाफ व्‍यक्तिगत विरोध नहीं है. मैं भ्रष्‍टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहा हूं. आजाद ने कहा, मैं सबसे पहले बता देना चाहता हूं कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत बड़ा फैन हूं. मोदी ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जो कदम उठाये हैं सराहनीय है.

आजाद ने कहा, डीडीसीए में करोड़ों रुपये के ट्रेंडर पास किये गये. कंपनियों को करोड़ों रुपये दे दिये गये लेकिन उन्‍हें काम नहीं बताया गया. व्‍यक्ति एक होते थे, लेकिन उनकी कंपनी के नाम बदल जाते थे. डीडीसीए के ठेके में फर्जीवाड़ा हुआ है. बिना कोई जांच के कंपनियों को करोड़ों रुपये दे दिये गये. कीर्ति आजाद ने वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम तो नहीं लिया. लेकिन उन्‍होंने आरोप लगाया कि कोटला स्टेडियम का काम मात्र 57 लाख रुपये में पूरा कर दिया गया.

आजाद ने कहा, जिन 14 कंपनियों को स्‍टेडियम निर्माण में पेमेंट किये गये उनके पते फर्जी निकले. जब पते फर्जी निकले तो उनके बैंक खाते भी फर्जी हो सकते हैं. उन्‍होंने कहा, DDCA के सदस्य टेंडर की कीमतों से छेड़छाड़ करते थे.’ आजाद ने पूछा यदि कंपाउंडिंग सही थी तो हाई कोर्ट ने उस पर रोक क्यों लगा दी?’ उन्‍होंने आरोप लगाया कि बिलों को पास करने से पहले ऐग्जिक्युटिव स्तर की कोई भी बैठक नहीं हुई.’ कीर्ति आजाद ने आज जो वीडियो फुटेज जारी किया है वो दिसंबर 2012 के हैं.

कीर्ति आजाद ने आरोप लगाया कि डीडीसीए घोटाले में लैपटॉप और प्रिंटर के बेताशा किराये जोड़े गये. 16900 रुपये एक लैपटॉप का किराया दिया गया. बिलों के साथ फर्जी फोन नंबर के बिल भी शामिल किये गये. आजाद ने एजीएम की बैठक के दौरान अरुण जेटली के साथ उनकी बहश के वीडियो भी आज दिखाये. उन्‍होंने जेटली पर आरोप लगाया कि उन्‍हें दिसंबर 2012 में ही घोटाले के बारे में बता दिया गया, लेकिन उन्‍होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की.

बिहार के दरभंगा से लोकसभा सदस्य आजाद का यह पत्रकार सम्मेलन उस वक्त हुआ है जब आम आदमी पार्टी के नेताओं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेटली पर डीडीसीए का 14 साल तक अध्यक्ष रहने के दौरान भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है.

जेटली ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले से ध्यान भटकाने का प्रयास है. सीबीआई ने राजेंद्र कुमार से पूछताछ की है. बार-बार यह पूछे जाने पर कि वह जेटली का नाम क्यों नहीं ले रहे हैं और वित्त मंत्री के खिलाफ उनके क्या आरोप हैं तो आजाद ने कहा, ‘‘यह सिद्धांतों का मामला है और हम यह लड़ाई बीते नौ वर्षों’ से लड़ रहे हैं.’

यह पूछे जाने पर कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने उनको चुप कराया है तो कीर्ति आजाद ने कहा, ‘‘मैंने उनके साथ अच्छा नाश्ता किया. उन्होंने मुझे इडली खिलाई. मैंने कहा कि बहुत अच्छी है.” एक अंग्रेजी अखबार को दिए जेटली के साक्षात्कार के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा कि उनके दिवंगत पिता कांग्रेसी थे और उनके पारिवारिक संबंध हैं.

दरअसल, जेटली ने इस साक्षात्कार में कहा कि भाजपा के सांसद (आजाद) संप्रग सरकार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले थे और उन्हें (जेटली) घेरने का प्रयास किया गया था. आजाद ने कहा, ‘‘कई पार्टियों के सांसद आपस में मिलते है और इसमें कुछ और बात नहीं निकाली जानी चाहिये.” गांधी परिवार से मुलाकात के सवाल पर आजाद ने कहा कि एक सांसद के तौर पर वह कई लोगों से मिलते हैं तथा अगर ऐसा करना अपराध है तो संसद में कोई किसी से नहीं मिल सकता.

आजाद ने कहा, ‘‘हमें इन सब चीजों में नहीं जाना चाहिए. हमें डीडीसीए में भ्रष्टाचार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है. मैं इस मुद्दे को लंबे समय से उठाता आ रहा हूं. अगर ऐसा होता तो संप्रग सरकार के समय मेरे बडे भाई को दरकिनार क्यों कर दिया गया जो निदेशक (खुफिया) बनने वाले थे.” उन्होंने कहा, ‘‘जिस व्यक्ति ने मेरे खिलाफ यह आरोप लगाया है वो खुद बहुत सारे लोगों से मिलता है. इसलिए क्या मुझे भी उनके खिलाफ आरोप लगाना चाहिए? यह सही नहीं है. मेरे पिता कहा करते थे कि अगर कोई बड़ा आदमी बनना चाहता है तो उसे छोटी-छोटी चीजों में नहीं पड़ना चाहिए.” भाजपा सांसद ने कहा कि उन्होंने किसी के खिलाफ आरोप नहीं लगाया है और यह सीबीआई पर है कि वह इस जांच को कैसे आगे बढ़ाती है.

यह पूछे जाने पर कि क्या यह उनकी जेटली के साथ निजी लड़ाई है तो आजाद ने कहा कि उनकी किसी के साथ कोई लड़ाई नहीं है, बावजूद इसके कि उनके खिलाफ लोग आरोप लगा रहे हैं.

जहां एक ओर भाजपा सांसद कीर्ति आजाद इसको लेकर प्रेस कान्फ्रेंस किया, वहीं अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि यूपीए शासन काल में मेरी एक पार्टी के सांसद सोनिया गांधी से मिल चुके हैं. मुलाकात के दौरान मुझे निपटाने को लेकर बात हुई थी. हालांकि जेटली ने इस दौरान किसी का नाम नहीं लिया है. इस मामले में अरुण जेटली को अकसर निशाना बनाने वाले पार्टी सांसद कीर्ति आजाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सीडी सबके सामने रख सकते हैं जो जेटली के परेशानी का सबब बन सकती है.


अमित शाह ने समझाया

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर चल रहे वाक युद्ध के बीच सांसद कीर्ति आजाद को शुक्रवार को बुलाया और बातचीत की. पार्टी चाहती है कि आजाद डीडीसीए विवाद को ज्यादा तूल नहीं दें और इस पूरे मामले में पार्टी लाइन को मानें. अमित शाह ने इस बात को लेकर कीर्ति आजाद को समझाया भी. इससे पहले संगठन मंत्री रामलाल भी उन्हें समझा चुके हैं. लेकिन, कीर्ति झा आजाद अपने स्टैंड पर कायम हैं और वे आज डीडीसीए मामले में एक प्रेस कान्फ्रेंस करेंग. जाहिर है जब डीडीसीए के कथित भ्रष्टाचार पर कीर्ति प्रेस कान्फ्रेंस करेंगे तो लंबे समय तक डीडीसीए के बॉस व संरक्षक रहे अरुण जेटली ही निशाने पर आयेंगे.

क्या कहा जेटली ने?

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि यूपीए के 10 साल के शासन के दौरान मेरी एक पार्टी के सांसद कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी से कई बार मिल चुके हैं. मुलाकात के दौरान मुझे निशाना बनाने को लेकर दोनों के बीच बातचीत भी हो चुकी है. कांग्रेस सरकार को उन्होंने इस बाबत लेटर भी लिखा था. हालांकि जेटली ने किसी का नाम नहीं लिया है. जेटली ने कहा कि इसलिए उन लोगों के मामले को सीरियस फ्रॉड ऑफिस को दे दिया गया है. 2013 में एक रिपोर्ट आयी थी जिसमें कंपनी की प्रोसेस में गड़बड़ियां बताई गई थीं, लेकिन फर्जीवाड़े का कोई मामला नहीं बना था. मेरे मामले में कुछ सदस्य उनकी इन खामियों के जिम्मेदार हैं. जेटली को लेकर यह मामला नहीं है.

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