राज्यसभा में मिनटो में पास हुए एसटी-एससी समेत तीन विधेयक
नयी दिल्ली : राज्यसभा में बहुत दिनों से जारी गतिरोध के बावजूद आज बहुत कम समय में तीन बिल पास हो गये. इनमें एससी- एसटी समेत तीन बिल है हालांकि आज भी राज्यसभा में हंगामा जारी रहा दूसरी तरफ आज भी जुवेनाइल जस्टिस बिल सदन में नहीं रखा गया संभव है कि कल इस पर […]
नयी दिल्ली : राज्यसभा में बहुत दिनों से जारी गतिरोध के बावजूद आज बहुत कम समय में तीन बिल पास हो गये. इनमें एससी- एसटी समेत तीन बिल है हालांकि आज भी राज्यसभा में हंगामा जारी रहा दूसरी तरफ आज भी जुवेनाइल जस्टिस बिल सदन में नहीं रखा गया संभव है कि कल इस पर चर्चा होगी.
राज्यसभा में तीन बजे के बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो कुछ मिनटों में ही तीन बिल पास कर दिये गये. सूत्रों की मानें तो सरकार और विपक्ष के बीच लगभग छह विधेयकों को पास करने पर सहमति बन गयी है इसमें, एससी/ एसटी बिल, विनियोग विधेयक , एंटी हाईजैकिंग बिल, नाभीकिय उर्जा( संशोधन बिल), व्यवसायिक अदालतें अध्यादेश विधेयक, मध्यस्थता और सुलह ( संशोधन विधेयक) हैं.
कांग्रेस ने किसी न किसी मुद्दे पर राज्यसभा को बाधित कर रखा था. सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद सदन को लेकर गतिरोध जारी था. उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने दोनों दलों के आम समहति बनाने के लिए बैठक बुलायी थी इसमें यह फैसला लिया गया कि फिलहाल जीएसटी को छोड़कर इन विधेयकों पर चर्चा की जा सकती है. पहले से ही राज्यसभा में 18 विधेयक लंबित है. आज भले ही तीन विधयेक चंद मिनटों में पास हो गये लेकिन आज का दिन भी हंगामेदार रहा. संसद और उसके बाहर उस विधेयक को कल ही पारित कराने की मांग तेज हो गयी जिसमें किशोरावस्था की आयु को 18 से घटाकर 16 वर्ष करने की बात कही गयी है.
सरकार ने कहा कि किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन कल राज्यसभा के सामने आएगा जो लोकसभा से पहले ही पारित हो चुका है. दरअसल किशोर अपराधी की रिहाई के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन जारी है. किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन से जघन्य अपराधों में लिप्त 16-18 वर्ष के किशोरों पर बालिग की तरह ही अदालती कार्यवाही की बात कही गयी है.केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘सरकार इस किशोर विधेयक को पारित कराने को बहुत इच्छुक है ’’ . दरअसल इस विधेयक को तेजी से पारित कराने की मांग राज्यसभा में उठी है. संसद का सत्र बुधवार को समाप्त होगा.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा के सामान्य कामकाज को रोककर किशोर न्याय (बाल देखभाल एवं संरक्षण)अधिनियम, 2014 में पर चर्चा के लिए नियमावली 267 के तहत नोटिस दिया है.उन्होंने कहा कि सदन के पास केवल तीन दिन हैं और सरकार द्वारा तय एजेन्डा में व्यवसायिक अदालतें, पंचाट और संपत्ति विधेयक शामिल है. उन्होंने शून्यकाल के दौरान कहा कि सरकार ने किशोर न्याय विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए आज सूचीबद्ध भी नहीं किया.