मंगल अंतरिक्षयान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकला
बेंगलूर: भारत का मंगल आर्बिटर यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकल गया है. भारत का मंगल ऑर्बिटर यान शनिवार आधी रात के बाद पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकलकर अंतरिक्ष में 300 दिनों के ‘लाल ग्रह’ के सफर के लिए निकल गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो)ने एक जटिल ट्रांस मार्स इजेंक्शन(टीएमआई)के लिए […]
बेंगलूर: भारत का मंगल आर्बिटर यान पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकल गया है. भारत का मंगल ऑर्बिटर यान शनिवार आधी रात के बाद पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकलकर अंतरिक्ष में 300 दिनों के ‘लाल ग्रह’ के सफर के लिए निकल गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो)ने एक जटिल ट्रांस मार्स इजेंक्शन(टीएमआई)के लिए तैयार है. ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान इस प्रक्रिया के जरिए पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकल कर मंगल की यात्रा पर आगे बढ़ गया.
मिशन के कार्यक्रम निदेशक एम अन्नादुरई ने आज बताया, ‘‘सब कुछ सामान्य है. सब कुछ ठीक चल रहा है. अन्य मिशन की तुलना में यह (टीएमआई) एक बहुत जटिल प्रक्रिया है. 5 नवंबर को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी 25 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किए जाने के बाद से यह अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में है.
इसरो के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि टीएमआई एक बड़ी प्रक्रिया है जिसके जरिए हम अंतरिक्षयान को मार्स ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी में उतने वेग से भेज रहे हैं जितना कि इसे पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से निकालने के लिए जरुरत है.अधिकारी ने बताया कि टीएमआई एक अहम प्रक्रिया है क्योंकि इसके लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि अंतरिक्ष यान सही दिशा में जाए. मिशन की यह सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. यह एक अहम प्रक्रिया इसलिए है कि इससे यह अनुमान मिलेगा कि अंतरिक्ष यान 24 सितंबर को शाम पौने सात बजे मंगल के चारों ओर की दीर्घवृत्ताकार निर्धारित कक्षा से 50 किलोमीटर आगे या पीछे होगा.