कोयला घोटाला: हिंडाल्को मामले की सुनवाई 22 फरवरी को
नयी दिल्ली : विशेष अदालत कोयला घोटाला मामले में हिंडाल्को प्रकरण की सुनवाई के लिये 22 फरवरी की तारीख आज मुकर्रर की. इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा उद्योगपति कुमार मंगलम बिडला तथा अन्य को जारी सम्मन पर रोक लगा दी थी. अदालत ने मामले की सुनवाई टाल दी थी […]
नयी दिल्ली : विशेष अदालत कोयला घोटाला मामले में हिंडाल्को प्रकरण की सुनवाई के लिये 22 फरवरी की तारीख आज मुकर्रर की. इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा उद्योगपति कुमार मंगलम बिडला तथा अन्य को जारी सम्मन पर रोक लगा दी थी.
अदालत ने मामले की सुनवाई टाल दी थी क्योंकि मनमोहन सिंह, बिडला तथा अन्य को बतौर आरोपी सम्मन किये जाने के फैसले पर शीर्ष अदालत ने रोक लगा दी थी. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय मौजूदा मामले में कार्यवाही पर पहले ही रोक लगायी हुई है. मामले की अगली सुनवाई अब 22 फरवरी 2016 को होगी.”
विशेष अदालत ने पिछले साल 16 दिसंबर को मामले में सीबीआई की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ को स्वीकार करने से मना कर दिया था और एजेंसी को इसकी आगे जांच करने तथा मनमोहन सिंह एवं पीएमओ के अन्य अधिकारियों से पूछताछ करने को कहा. उस समय सिंह के पास कोयला विभाग की भी जिम्मेदारी थी.
बाद में सीबीआई ने 11 मार्च को अदालत में अंतिम रिपोर्ट सौंपी. अदालत ने 2005 में ओडिशा स्थित तालाबीरा-दो कोयला ब्लॉक के आबंटन में कथित अनियमितता के सिलसिले में सिंह, बिडला, पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख, हिंडाल्को इंडस्टरीज लि. तथा उसके शीर्ष अधिकारियों शुभेन्दु अमिताभ तथा डी भट्टाचार्य को तलब किया. शीर्ष अदालत ने एक अप्रैल को विशेष अदालत के आदेश और कार्यवाही पर रोक लगा दी.
* अदालत ने कंपनी, उसके दो निदेशकों को बतौर आरोपी तलब किया
विशेष अदालत ने ओडिशा स्थित पत्रपाडा कोयला ब्लॉक के आबंटन में कथित अनियमितता से जुडे कोयला घोटाला मामले में आधुनिक कारपोरेशन लि. तथा उसके दो निदेशकों को तलब किया है.
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए आरोपी कंपनी आधुनिक कारपोरेशन लि. तथा उसके दो निदेशकों निर्मल कुमार अग्रवाल तथा महेश कुमार अग्रवाल को अपने समक्ष 15 जनवरी को उपस्थित होने को कहा.हालांकि अदालत ने कंपनी के एक अन्य निदेशक घनश्याम दास अग्रवाल को बरी कर दिया. सीबीआई ने उनके खिलाफ भी आरोपपत्र दाखिल किया था लेकिन अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ कोई ठोस साक्ष्य नहीं है जिसके आधार पर उन्हें मामले में सम्मन दिया जाए.