पुलिस की स्वीकृति से गिरफ्तार होंगे फेसबुक यूजर

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में किसी भी व्यक्ति को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए. वेबसाइटों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश जारी करने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:37 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में किसी भी व्यक्ति को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की पूर्व अनुमति के बिना गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए.

वेबसाइटों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी पर पूरी तरह रोक लगाने का आदेश जारी करने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकारों को केंद्र के 9 जनवरी के परामर्श का सख्ती से पालन करना चाहिए जिसमें कहा गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनुमति के बिना किसी को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए.

न्यायमूर्ति बी एस चौहान और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की पीठ ने कहा, हम राज्य सरकारों को निर्देश देते हैं कि किसी भी गिरफ्तारी से पहले दिशानिर्देशों (केंद्र द्वारा जारी) का पालन सुनिश्चित करें. पीठ ने कहा कि अदालत इस तरह के मामलों में गिरफ्तारियों पर पाबंदी का आदेश जारी नहीं कर सकती क्योंकि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66ए (आपत्तिजनक टिप्पणियों से संबंधित) के लागू होने पर शीर्ष अदालत ने रोक नहीं लगायी है जो इसकी संवैधानिक वैधता की पड़ताल कर रही है.

फेसबुक पर टिप्पणियां करने या टिप्पणियों को लाइक करने के मामले में लोगों की गिरफ्तारी को लेकर जनता की नाराजगी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने 9 जनवरी को सभी राज्यों को परामर्श जारी कर कहा था कि इस तरह के मामलों में बिना किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मंजूरी के किसी को गिरफ्तार नहीं किया जाये.

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