नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रुस की दो दिवसीय यात्रा पर आज रवाना हो गए इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच पहले से ही निकट सामरिक साझेदारी को नयी ऊंचाई पर ले जाना है. अपनी रूस यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यह विश्वास जताया कि उनकी इस यात्रा से आर्थिक, ऊर्जा एवं सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग को प्रागाढ करने में और ‘भारत के सबसे मूल्यवान मित्र देशों में से एक’ के साथ अवाम के स्तर पर पहले से ही मौजूद मजबूत संबंधों को आगे ले जाने में भी मदद मिलेगी. रवाना होने से पहले एक बयान में मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच व्यापारिक संबंध और बढ सकते हैं. इससे न सिर्फ दोनों देशों को बल्कि विश्व को भी फायदा होगा. मोदी ने कहा, ‘आज, मैं अपनी रूस यात्रा की शुरुआत करुंगा. सरकार बनाने के बाद यह मेरी पहली द्विपक्षीय यात्रा है. मैं इस यात्रा के परिणामों को लेकर बहुत आशान्वित हूं.’
उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ व्यापक चर्चा करेंगे और रूसी कारोबारियों के साथ भी संवाद करते हुए उन्हें भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे. उन्होंने बताया कि वह ‘फ्रेंड्स ऑफ इंडिया’ कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे. मोदी ने कहा, ‘मैं अपनी रूस यात्रा के परिणामों को लेकर बेहद आशान्वित हूं. यह एक मूल्यवान मित्र के साथ आर्थिक एवं सुरक्षा संबंधों को प्रागाढ करेगी.’ मोदी ने कहा कि इतिहास भारत और रुस के बीच दशकों से चले आ रहे करीबी संबंधों का गवाह है. उन्होंने कहा, ‘रूस विश्व में भारत के सबसे मूल्यवान मित्रों में से एक बना हुआ है.’
मोदी ने वर्ष 2001 का वह समय याद किया, जब उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला ही था. उस समय वह प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ रूस गये थे. मोदी ने उस यात्रा के बारे में कहा, ‘वह शायद भारत और रूस के पहले वार्षिक शिखर सम्मेलनों में से एक था. यह क्रम आज भी जारी है.’ उन्होंने कहा, ‘मेरी यात्रा भारत और रूस के बीच आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग को प्रागाढ करेगी. हम विज्ञान एवं तकनीक, खनन और अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग बढाना चाहते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि यह यात्रा दोनों देशों की जनता के बीच पहले से मजबूत संबंधों को और आगे लेकर जाएगी.’