ऑड-इवेन फार्मूले पर रोक से HC का इनकार

नयी दिल्‍ली : दिल्‍ली की आप सरकार का प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सड़कों पर एक-एक दिन ऑड-इवेन प्राइवेट कारों के चलाने की फार्मूले पर रोक लगाने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की बेंच ने दिल्‍ली की सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 23, 2015 1:41 PM

नयी दिल्‍ली : दिल्‍ली की आप सरकार का प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सड़कों पर एक-एक दिन ऑड-इवेन प्राइवेट कारों के चलाने की फार्मूले पर रोक लगाने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की बेंच ने दिल्‍ली की सरकार के फैसले पर रोक लगाने से इनकार किया है. कोर्ट से 6 जनवरी तक इस फैसले पर रोक लगाने की अपील की गयी थी. जबकि इस फैसले के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गयी है जिसपर 6 जनवरी 2016 को सुनवाई होनी है. कोर्ट ने कहा कि फामूर्ला अभी पूरी तरह से स्‍पष्‍ट नहीं है, इसलिए इसपर रोक लगाना सही नहीं होगा. सरकार लोगों से बात करें और उनकी परेशानी समझे. ईवेन और ऑड का फार्मूला दिल्‍ली में एक जनवरी से लागू हो सकता है.

सरकार के अनुसार इस फार्मूले में तारीखों के हिसाब से तय होगा कि किस दिन कौन से नंबर की गाड़ी चलेगी. ईवन तारीख को ईवन नंबर और ऑड को ऑड नंबर की गाड़ियां चलेंगी. दिल्ली सरकार ने 1 जनवरी 2016 से नये नियम को लागू करने का फैसला लिया है. परिवहन मंत्री गोपाल राय ने यह भी साफ किया था कि यह नियम सुबह 8 बजे से लेकर रात के 8 बजे तक ही लागू होगा. हालांकि दिल्ली सरकार अभी इस नियम को लेकर कई महत्वपूर्ण चीजों पर फैसला नहीं ले पायी है. यह नियम दो पहिया वाहनों पर लागू होगा या नहीं इस पर दिल्ली सरकार 10 दिसंबर तक फैसला लेगी.

आपात स्थिति में ईवन और ऑड के नियम से कैसे निपटा जायेगा इस पर भी अभी स्थिति साफ नहीं है. इस फार्मूले से बाहरी राज्‍यों की गाडि़यों और सरकारी ग‍ाडि़यों को छूट प्रदान की जायेगी. केंद्र सरकार दिल्ली सरकार के इस कदम की तारीफ जरूर कर रही है लेकिन यह भी इशारा कर रही है कि इससे पहले यात्री सुविधाओं को मजबूत कर लिया जाए. दिल्ली की जनता ने भी इस पर अलग- अलग प्रतिक्रिया दी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी देखा कि इसे लेकर स्थिति ज्यादा गंभीर हो रही तो उन्होंने साफ कर दिया कि इसे पहले 15 दिनों के लिए लागू किया जायेगा और यह फार्मूला सफल नहीं हुआ तो इसे बंद कर दिया जायेगा. दिल्ली में बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है. हालांकि इसे लेकर अब भी कई तरह के सवाल है जिसे राज्य सरकार सुलझाने की कोशिश कर रही है.

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