भाजपा ने कीर्ति आजाद के खिलाफ की कार्रवाई, पार्टी से निलंबित
नयी दिल्ली : भाजपा ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक अभियान चला रहे अपने सांसद कीर्ति आजाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आज उन्हें निलंबित कर दिया. भाजपा ने आजाद पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और पार्टी की छवि ‘‘धूमिल’ करने के लिए कांग्रेस एवं […]
नयी दिल्ली : भाजपा ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक अभियान चला रहे अपने सांसद कीर्ति आजाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आज उन्हें निलंबित कर दिया. भाजपा ने आजाद पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने और पार्टी की छवि ‘‘धूमिल’ करने के लिए कांग्रेस एवं आप के साथ ‘‘सांठगांठ करने’ का आरोप लगाया.
कीर्ति आजाद को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की भाजपा संसदीय बोर्ड की कार्रवाई तब हुई है जब सांसद ने तीन दिन पहले एक संवाददाता सम्मेलन करके जेटली पर हमला किया और उसके बाद संसद के भीतर और बाहर चुनौती देने वाले कृत्यों में लिप्त रहे. अपने निलंबन के बाद आजाद ने धमकी दी कि वे ‘‘और खुलासे’ करेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि ‘‘भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने पर’ पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई कर ‘‘इतना नीचे गिर जायेगी’.
आजाद को निलंबित करने की संक्षिप्त घोषणा पार्टी मुख्यालय से आयी लेकिन उन्हें बोर्ड से एक विस्तृत पत्र भी गया जिसमें संसद के भीतर और बाहर उनकी ‘‘पार्टी विरोधी’, पार्टी और उसके पदाधिकारियों की ‘‘प्रतिष्ठा को नुकसान’ पहुंचाने वाले कृत्य सूचीबद्ध किये गए थे.
बिहार के दरभंगा से तीसरी बार सांसद चुने गए आजाद स्वयं एक पूर्व क्रिकेटर हैं. वह वर्षों से डीडीसीए मामलों को लेकर जेटली को निशाना बनाते हुए एक अभियान चला रहे हैं. यद्यपि चीजें उनके खिलाफ तब हो गई जब उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की सलाह के खिलाफ जाते हुए यहां रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन किया और लोकसभा में खुली चुनौती देते हुए समयबद्ध एसआईटी जांच की मांग की.
ऐसे में जब हमले जारी रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शाह और पार्टी के अन्य शीर्ष नेता जेटली के समर्थन में खड़े हो गए और कहा कि सार्वजनिक जीवन में उनका बेदाग रिकार्ड है. आजाद ने साथ ही जेटली को तब चुनौती दी थी कि वह उनके खिलाफ भी मानहानि का मामला दायर करें जब वित्त मंत्री ने केजरीवाल और आप के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ दीवानी और आपराधिक मानहानि का मामला दायर करने का निर्णय किया था.
पार्टी के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए 56 वर्षीय आजाद ने इसे ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और कहा कि उन्होंने पार्टी के लिए ईमानदारी से काम किया है. एक तरह से विद्रोही लग रहे आजाद ने कहा, ‘‘इंतजार करिये और देखिये में आगे क्या करता हूं. मैं अब सभी को बताउंगा.’ भाजपा में मचे घमासान पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए सवाल किया कि क्या भाजपा ‘‘मुक्त रुप से बोलने, निष्पक्ष टिप्पणी करने, अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के खुलासे को निलंबित कर सकती है.’
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘‘ये ऐसे सवाल है जिनका जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए।’ जेटली पर हमला बोलने में सबसे आगे रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘भाजपा में कोई लोकतंत्र नहीं है. भ्रष्टाचार के संरक्षण के लिए ईमानदार आवाजों को दबा दिया जाता है.’ आजाद ने अपने खिलाफ आरोपों को ‘‘हास्यास्पद’ करार देते हुए कहा कि वह मार्गदर्शक मंडल (जिसमें लालकृष्ण आडवाणी और मुरलीमनोहर जोशी शामिल हैं) के पास जाएंगे.
उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें निलंबित करने में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया. ‘‘मुझे वास्तव में दुख हुआ है. मैं यह नहीं सोचता था कि भाजपा इतने नीचे स्तर तक जाएगी.’ आजाद को भेजे गए संसदीय बोर्ड के पत्र में कहा गया है कि वह पिछले कुछ महीने से पार्टी का अनुशासन तोड रहे थे और पार्टी विरोधी गतिविधियां जारी रखे हुए थे.
पत्र में कहा गया है, ‘‘आपने कांग्रेस और आप सहित विपक्षी पार्टियों से सांठगांठ की और पार्टी एवं उसके पदाधिकारियों को शर्मिंदा किया. आपने संसद और बाहर दोनों ही जगह इस तरह का व्यवहार किया जो स्पष्ट रुप से अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के बराबर है.” इसमें कहा गया है, ‘‘आपने मीडिया में कई ऐसे बयान दिये जो पार्टी विरोधी हैं और ऐसे निराधार आरोपों का उद्देश्य पार्टी एवं उसके पदाधिकारियों की छवि धूमिल करना था. आपके कृत्यों ने पार्टी एवं उसके पदाधिकारियों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाया है.”
इसमें आजाद पर पार्टी के निर्णय के खिलाफ अपना ‘‘दुष्प्रचार” जारी रखने का आरोप लगाया गया है. आजाद का डीडीसीए मामले को लेकर हमला तब और तेज हो गया जब सीबीआई ने दिल्ली सचिवालय पर छापा मारा और केजरीवाल ने दावा किया कि छापा मारने वाली टीम डीडीसीए में ‘‘वित्तीय गड़बड़ी” से संबंधित फाइलों की तलाश में आयी थी जब जेटली 1999 से 2013 तक उसके अध्यक्ष थे.
आजाद ने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में दुख हुआ है. मैंने कभी भी नहीं सोचा था कि भाजपा इतना नीचे गिर जाएगी और एक ऐसे व्यक्ति को भ्रष्टाचार से लडने के लिए निंलंबित कर दिया जाएगा जो एक जानेमाने कांग्रेसी परिवार से आया है.” उन्होंने कहा, ‘‘मैं मार्गदर्शक मंडल के पास जाउंगा और उनसे सवाल करुंगा कि क्या जब कोई व्यक्ति भ्रष्टचार के खिलाफ बोलता है तो पार्टी उसे सूली पर चढा देगी और उसे निलंबित कर देगी.”
उन्होंने कहा, ‘‘उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. उन्होंने एक कारण बताओ नोटिस भी जारी नहीं किया. यदि आप किसी सांसद को निलंबित करते हैं आपको संसदीय बोर्ड में जाना होता है. क्या आपने वह किया? वे अपने ही कानून का उल्लंघन कैसे कर सकते हैं जिसे हमने ही बनाया है.”
भाजपा सांसद आजाद को भाजपा से नाराज चल रहे पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आज समर्थन किया और उन्हें भ्रष्टाचार से लडने के लिए ‘‘दिन का नायक” करार दिया. सिन्हा ने साथ ही जेटली से कहा कि वह आडवाणी के उदाहरण का अनुसरण करें, एक सुझाव कि उन्हें बेदाग होने से पहले पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए.
आजाद को पार्टी से निलंबित करने के निर्णय पर कांग्रेस और आप की ओर से हमला किये जाने के बाद भाजपा ने दोनों पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें उसके आंतरिक मामले पर टिप्पणी करने का कोई ‘‘नैतिक अधिकार” नहीं है. भाजपा ने इसका उदाहरण दिया कि किस तरह से दोनों ने अपने वरिष्ठ नेताओं से ‘‘बुरा व्यवहार” किया.
पार्टी ने कहा कि आजाद को तब निलंबित किया गया जब उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधना जारी रखा जिनकी सार्वजनिक जीवन में ‘‘बेदाग छवि” रही है. भाजपा सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी एवं अनुशासित संगठन है. कांग्रेस और आप जैसी एक व्यक्ति की पार्टी को हमें सीख देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.” उन्होंने कहा कि आजाद को निलंबित करने का निर्णय पार्टी की संसदीय बोर्ड का था.
उन्होंने कहा कि किसी को भी नहीं भूलना चाहिए कि किस तरह से कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव के पार्थिव शरीर को अपने मुख्यालय नहीं लाने दिया था और किस तरह से उसने अपने प्रमुख सीताराम केसरी को बाहर कर दिया था जो एक वंचित समुदाय से थे. उन्होंने आप पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री ने प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी से बाहर करने से पहले उनके खिलाफ ‘‘अपमानजनक” भाषा का इस्तेमाल किया.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कीर्ति आजाद के भाजपा से निलंबन के मद्देनजर आज भाजपा पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या अगला नम्बर शत्रुघ्न सिन्हा का होगा. सिंह ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘कीर्ति आजाद को भाजपा से निलंबित किया गया. उनका अपराध? डीडीसीए में भ्रष्टाचार के मुद्दे को तथ्यों के साथ उठाया.” उन्होंने लिखा, ‘‘भाजपा में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने वालों का क्या यही हष्र होगा? पहले जेठमलानी और अब कीर्ति. अगले शत्रुघ्न सिन्हा?”