नयी दिल्ली: भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने आज राष्ट्रीय महिला आयोग को सूचित किया कि तहलका के संपादक तरुण तेजपाल पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला का नाम उन्होंने सोशल मीडिया में उजागर नहीं किया था और आरोप लगाया कि यह उन्हें बदनाम करने का प्रयास है.
भाजपा प्रवक्ता लेखी ने जानना चाहा कि एनसीडब्ल्यू ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, कांग्रेस नेता अल्का लांबा और असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जो पहले दूसरे मामलों में पीड़िता का नाम उजागर कर चुके हैं.
उन्होंने अपने एक ट्विट में कथित रुप से पीड़िता का उपनाम उजागर कर दिया था जिसका तेजपाल ने गोवा में कथित रुप से उत्पीड़न किया था. मामले में एनसीडब्ल्यू ने उन्हें नोटिस जारी किया था और जवाब देने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया था.
पेशे से वकील लेखी ने अपने जवाब में कहा कि उन्होंने भादंसं की धारा 228ए का उल्लंघन नहीं किया.
लेखी ने अपने जवाब में कहा, ‘‘इस मामले से मैं अच्छी तरह वाकिफ हूं और मामले को लेकर संवेदनशील हूं. मैंने पीड़िता का नाम या उसकी पहचान उजागर नहीं की.’’ उन्होंने कहा कि किसी खुलासे को मुझसे नहीं जोड़ा जाना चाहिए. भादंसं की धारा 228ए की स्थिति नहीं बनती.
उन्होंने कहा कि उनके ट्विटर हैंडल और मोबाइल फोन का दुरुपयोग किया गया. लेखी ने कहा कि उनके ट्विट से पहले ही पीड़िता की पहचान सार्वजनिक हो चुकी थी और फिर भी एनसीडब्ल्यू ने कोई कार्रवाई नहीं की.