नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज आतंकवाद के ‘‘संभावित खतरों और गंभीर चुनौती’’ पर जोर देते हुए आगाह किया कि इसके खिलाफ लड़ाई में स्वतंत्रता एवं आजादी के साथ समझौता नहीं किया जाना चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर न्यायविदों के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में मुखर्जी ने अपने एक संदेश में कहा, ‘‘ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में, हम संविधान में वर्णित समानता, स्वतंत्रता, आजादी और न्याय के खास मूल्यों के साथ समझौता नहीं कर सकते.’’ राष्ट्रपति के संदेश में कहा गया, ‘‘ आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है. आतंकवाद की घटनाओं में वृद्धि से गंभीर खतरा पैदा होता है और इससे आने वाले वर्षों में हमारे जीवन जीने का तरीका परिभाषित होगा.’’ राष्ट्रपति का भाषण पढ़ा गया.