नयी दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन अब साल 2016 में तकनीक के इस्तेमाल के मामले में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. संगठन इसके अलावा छह लाख करोड़ रुपये के सेवानिवृत कोष से अधिक से अधिक रिटर्न हासिल करने जा रहा है. ईपीएफ ओ का मुख्य केंद्र विंदु अपने छह करोड़ अंशधारकों की सेवा में सुधार करना है. इसके तहत पीएफ निकासी की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराना तथा उसकी सभी पेशकशों पर स्मार्ट फोन के जरिए तत्काल सुविधा शामिल है.
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि संगठन अंशदाताओं को देय ब्याज दर भी बढ़ा सकता है जो 2013-14 में 8.75 प्रतिशत पर रुका हुआ है. अपने कोष पर अधिक रिटर्न हासिल करने के लिए संगठन नये साल में छोटे कदमों के साथ शेयर बाजार में निवेश करना शुरू कर दिया है.
इसके पहले वित्त मंत्रालय ने गैर-सरकारी भविष्य निधि कोषों के लिए निवेश के तरीके को अधिसूचित किया है. इसके तहत उन्हें अपने कोष का न्यूनतम पांच प्रतिशत और अधिकत्तम 15 प्रतिशत शेयर या शेयर आधारित योजनाओं में निवेश की अनुमति दी गयी है.इसके पहले वित्त मंत्रालय ने गैर-सरकारी भविष्य निधि कोषों के लिए निवेश के तरीके को अधिसूचित किया है. इसके तहत उन्हें अपने कोष का न्यूनतम पांच प्रतिशत व अधिकतम 15 प्रतिशत शेयर या शेयर आधारित योजनाओं में निवेश करने की अनुमति दी गई है.
सरकार के इस फैसले से तेजी से आगे बढ़ते हुए संगठन के ट्रस्टियों ने निवेश के इस तरीके को एक माह के भीतर ही ट्रेड यूनियनों के कड़े विरोध के बाद भी अपना लिया. उसने चालू वित्त वर्ष में अपनी बढ़ती हुई जमा का 5 प्रतिशत ईटीएफ में लगाने का फैसला किया है. वित्त वर्ष 2015-16 में ईपीएफओ की बढ़ी जमा राशि करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये रहेगी. इसमें से वह 6,000 करोड़ रुपये का निवेश कर सकता है. ईपीएफओ ने 30 नवंबर तक 3,174 करोड़ रुपये का निवेश किया था.