नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी की आंतरिक कलह अब खुलकर सामने आ गयी है. कीर्ति आजाद के मामले में ऐसा लग रहा है कि पार्टी दो फाड़ में बंट गयी है. एक ओर भाजपा के केंद्रीय टीम जेटली के पक्ष में है, तो दूसरी ओर कीर्ति आजाद के पक्ष में वरिष्ठ नेताओं की टीम आ गयी है.
पार्टी से निलंबन के बाद कीर्ति आजाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिले. पार्टी के वरिष्ठ नेता और मार्गदर्शक मंडल की बैठक पार्टी सांसद मुरली मनोहर जोशी के घर पर हुई जिसमें डीडीसीए मामले पर चर्चा हुई. बैठक में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और शांताकुमार मौजूद थे. खबर है कि सभी ने एक स्वर में आजाद के निलंबन को गलत बताया और उनके समर्थन में उतर गये.
अब खबर है कि कीर्ति आजाद के पक्ष में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी उतर गये हैं. स्वामी आजाद को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है. स्वामी ने भाजपा को कीर्ति आजाद के जैसे इमानदार नेता को न खोने की सलाह दी है.
कीर्ति ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मुझे निलंबन नोटिस मिला है और मैं इसका जवाब दूंगा. सुब्रमण्यम स्वामी ने मुझे नोटिस का जवाब लिखने में मदद करने का आश्वासन दिया है. कीर्ति के बचाव में आए सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि पार्टी को आजाद जैसे ईमानदार व्यक्ति को गंवाना देना चाहिए. स्वामी ने कहा कि मैं बीजेपी के नोटिस का जवाब देने में आजाद की मदद करूंगा. मुझे ऐसा करने का पूरा अधिकार है.
स्वामी ने कहा, मैं पुष्टि करता हूं कि ड्राफ्ट नोटिस तैयार करने में कीर्ति आजाद की मदद करूंगा. मैं उन्हें तब से जानता हूं जब वो नौजवान थे. स्वामी ने कहा आजाद के पिता मेरे अच्छे मित्र थे.
* कीर्ति आजाद ने प्रधानमंत्री से लगायी गुहार
भाजपा सांसद कीर्ति आजाद ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि वह पार्टी से उन्हें निलंबित किए जाने के मामले में दखल दें. आजाद ने यह भी कहा कि वह दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में हुई कथित अनियमितता के मामले की जांच अदालत की निगरानी में कराने की मांग करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वह डीडीसीए मुद्दे पर जल्द ही व्यक्तिगत तौर पर एक जनहित याचिका दायर करेंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि इससे लोग ‘‘मुश्किल में पड़ जाएंगे.’
बागी तेवर अपना चुके आजाद ने अपने निलंबन के एक दिन बाद फिर कहा कि उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ नहीं बल्कि डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि पार्टी उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के ‘‘स्पष्ट कारण’ बताए. आजाद ने यहां कहा, ‘‘भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) हमेशा भ्रष्टाचार को उखाड फेंकने की बातें करते हैं. हम महात्मा गांधी के रास्ते पर चलने की बात भी करते हैं. लिहाजा, मैं चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी इस मुद्दे में दखल दें, इसकी गहराई में जाएं और मुझे बताएं कि मैंने क्या गलत किया है, क्योंकि मुझे स्पष्ट जवाब की जरुरत है.’
आजाद ने कहा, ‘‘कल मैं अदालत जाउंगा और अदालत की निगरानी में जांच की मांग करुंगा. मैं व्यक्तिगत तौर पर एक जनहित याचिका दाखिल करुंगा और आप मुश्किल में पड़ जाएंगे.’ आज यहां पत्रकारों से बातचीत में आजाद ने आरोप लगाया कि सीबीआई नोटिसों के जरिए डीडीसीए की परोक्ष तौर पर मदद कर रही है जिससे फाइलें ‘‘गायब’ हो रही हैं.
बिहार के दरभंगा से सांसद आजाद ने कहा, ‘‘मैं सीबीआई से अनुरोध करता हूं कि वह डीडीसीए को नोटिस नहीं जारी करे क्योंकि ऐसी नोटिसों के बाद फाइलें गायब हो जा रही हैं. यदि कल मैं अदालत जाता हूं और इस मामले में अदालत की निगरानी में जांच की मांग करता हूं तो आप मुश्किल में पड़ जाएंगे.’ पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि उन्हें निलंबन का नोटिस मिला है और वह आज शाम तक पार्टी को जवाब देने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने उन्हें कहा है कि वह निलंबन नोटिस का जवाब तैयार करने में उनकी मदद करेंगे.
* आजाद पर क्या है आरोप
कल पार्टी प्रमुख अमित शाह ने आजाद के निलंबन का आदेश दिया था. आजाद पर आरोप है कि डीडीसीए में कथित अनियमितता के मुद्दे पर उन्होंने सरेआम जेटली पर निशाने साधे.
* जेटली के बचाव में उतरे बाबा रामदेव, एनसीपी नेता शरद पवार
इधर डीडीसीए मामले पर चौतरफा आरोपों की मार झेल रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली को योग गुरु बाबा रामदेव और एनसीपी नेता शरद पवार का साथ मिल रहा है. बाबा रामदेव ने जेटली की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा, अरुण जेटली जी राजनीतिक,आर्थिक,चारित्रिक दृष्टि से प्रमाणिक, निष्कलंक व्यक्तित्व हैं. रामदेव ने कहा, जेटली जी बेदाग व्यक्तित्व वाले व्यक्ति हैं. उनके उपर राजनीतिक,आर्थिक रूप से आरोप लगाना गलत है.
जेटली के बचाव में उतरे एनसीपी नेता शरद पवार शरद ने कहा डीडीसीए मामले में जेटली का कोई दोष नहीं है. पवार ने कहा कि पैसे खर्च ना करके क्रिकेट देखने की प्रवृति डीडीसीए के कुल लोगों में है और कई लोग इसकी अनियमितताओं के लिए भी जिम्मेदार हैं, लेकिन इसमें अरुण जेटली का कोई दोष नहीं है. अरुण जेटली इस तरह का घोटाला नहीं कर सकते. वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने ऊपर लगे आरोपों के बाद मीडिया और संसद दोनों जगहों पर सफाई दे चुके हैं. उन्होंने इस मामले में अपनी संलिप्ता से साफ इनकार कर दिया है.