भूकंप से बचने के लिए लोग चढ़ा रहे हैं बलि
भद्रवाह : भद्रवाह में बीते एक पखवाड़े के दौरान आए भूकंप के झटकों ने लोगों के मन में इस कदर डर बैठा दिया है कि वे इस आपदा से बचने के लिए महायज्ञ कर रहे हैं और जानवरों की बलि चढ़ा रहे हैं. भद्रवाह की जामिया मस्जिद के ईमाम ने कल दस भेड़ों और बकरियों […]
भद्रवाह : भद्रवाह में बीते एक पखवाड़े के दौरान आए भूकंप के झटकों ने लोगों के मन में इस कदर डर बैठा दिया है कि वे इस आपदा से बचने के लिए महायज्ञ कर रहे हैं और जानवरों की बलि चढ़ा रहे हैं. भद्रवाह की जामिया मस्जिद के ईमाम ने कल दस भेड़ों और बकरियों की कुर्बानी दी और मांस लोगों में बंटवा दिया. जामिया मस्जिद सहित पर्वतों से घिरी भद्रवाह घाटी की विभिन्न मस्जिदों में करीब 2,000 मुस्लिमों ने नमाज अदा की.
इमाम मोहम्मद इलियास मल्की ने कहा, ‘‘भूकंप से बचने के लिए हमने जानवरों की कुर्बानी दी है. इसके अलावा इस आपदा से रक्षा के लिए हमने नमाज-ए-तौबा भी अदा की है.’’वहीं भूकंप से बचने के लिए हिंदू संगठनों ने भी यहां के ऐतिहासिक वासुकि नाग मंदिर में सामुदायिक रसोई और दो दिवसीय महायज्ञ का आयोजन किया है. राज्य के बाहर से आए करीब 4,000 हिंदुओं और कुछ वरिष्ठ पुजारियों ने इस समस्या के अंत के लिए मंत्रों का उच्चारण किया और देवी देवताओं के आर्शीवाद के लिए प्रार्थना की.
हिंदू समुदाय ने इस पहाड़ी क्षेत्र में स्थित नगनी माता सहित दूसरे मंदिरों में भी पूजा अर्चना का आयोजन किया. गौरतलब है कि बीते एक पखवाड़े के दौरान भद्रवाह-डोडा-किश्तवाड़ क्षेत्र में भूकंप के 33 झटके महसूस किए जा चुके हैं. इसमें से सबसे अधिक 11 झटके अकेले एक मई के दिन महसूस किए गए थे.