हैदराबाद : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वेद विश्व बंधुत्व का संदेश देते हैं और उनका संरक्षण किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘वसुधैव कुटुंबकम का परंपरागत भारतीय दर्शन हमारे वैश्विक दृष्टिकोण के सार को सुंदरतापूर्वक प्रकट करता है. यूनेस्को ने भी वेदों को मौखिक धरोहर के तौर पर मान्यता दी है और उन्हें उनके मौलिक स्वरुप में संरक्षित करना भी हमारा पवित्र कर्तव्य है.’ राष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले के अई-भीमावरम में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) की वेद पाठशाला का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में ये बातें कही.
टीटीडी वह संस्था है जो तिरुपति स्थित भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर का प्रशासन संचालित करती है. वेदों के उदार संदेश सिर्फ व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के कल्याण तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह विश्व बंधुत्व की भावना को भी दर्शाते हैं. उन्होंने कहा कि भारत प्राचीन काल में नालंदा और तक्षशिला जैसे प्रतिष्ठित ज्ञान केंद्रों के जरिए ज्ञान के मामले में नेतृत्व प्रदान करता था.
राष्ट्रपति ने विभिन्न क्षेत्रों, खासकर शिक्षा एवं ज्ञान प्रदान करने में, सेवाएं प्रदान करने के लिए टीटीडी की सराहना की. आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, नागरिक उड्डयन मंत्री पी अशोक गजपति राजू और कई अन्य गणमान्य लोगों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया.