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डीडीसीए पर बोले कीर्ति, प्रधानमंत्री से ज्यादा संघ से न्याय की उम्मीद
नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने आज अपने निलंबन और डीडीसीए में हुए भ्रष्टाचार पर एक न्यूज चैनल से लंबी बातचीत की. उन्होंने कई मुद्दों पर अपने बात सामने रखी. कीर्ति ने अपने और अरुण जेटली के रिश्तों पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने कहा, कि मैंने जेटली […]
नयी दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने आज अपने निलंबन और डीडीसीए में हुए भ्रष्टाचार पर एक न्यूज चैनल से लंबी बातचीत की. उन्होंने कई मुद्दों पर अपने बात सामने रखी. कीर्ति ने अपने और अरुण जेटली के रिश्तों पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने कहा, कि मैंने जेटली साहेब को हमेशा अपना माना है और उन्हें अपना मान कर ही डीडीसीए में जारी भ्रष्टाचार की जानकारी दी उन्हें हमेशा चेताया कि वह उन कागजों पर हस्ताक्षर ना करें जिसमें भ्रष्टाचार के पैसे लगे हैं. हालांकि कीर्ति सीधे उन पर किसी तरह के आरोप लगाने से बचते रहे.
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं
कीर्ति ने कहा मैं 10 साल से डीडीसीए में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं. हो सकता है मुझे इसके कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा हो लेकिन मैं पीछे नहीं हटा. मैं हमेशा अपने बड़ों से सीखता हूं. हमारी पार्टी भ्रष्टाचार से लड़ती है डीडीसीए को चार नोटिस भेजे गये हैं यह इसका सबूत है. मैं अब भी अपनी पार्टी के साथ हूं. मैं भाजपा से उस वक्त जुड़ा जब भाजपा के पास कोई जाता नहीं था यह रिश्ता इतनी आसानी से नहीं टूटेगा मैंने अपने निलंबन पर पार्टी से पूछा है कि मेरा कसूर क्या है. मुझे उम्मीद है कि पार्टी मुझसे जवाब देगी. उन्होंने कहा कि मैं किसी के इशारे पर काम नहीं कर रहा है मैं अपनी लड़ाई लड़ रहा हूं.
मैं चाहता था कि आमने सामने बात हो घर की बात घर में रहे
कीर्ति आजाद से जब पूछा गया कि आपको पार्टी अध्यक्ष ने बुलाया था क्या बातचीत हुई. इस पर कीर्ति ने कहा, पार्टी के अंदर जो बात हुई वह आपसे साझा नहीं करूंगा. हालांकि मैं चाहता था कि अरुण जेटली को और मुझे पार्टी साथ में बैठाकर पूछ लेती सारी बातें साफ हो जाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कीर्ति से पूछा गया कि ऐसी खबरें है कि आपकी पत्नी को चुनाव का टिकट नहीं दिया गया इसलिए आप इस तरह के मामलों को उठा रहे हैं इस पर कीर्ति ने कहा, कि मैं 2006 से इस मामले को उठा रहा हूं और मेरी पत्नी का टिकट 2008 में कटा आप समझ सकते हैं ऐसा क्यों हुआ. किसने नहीं लड़ने दिया यह अनुसंधान का विषय हैं. सेंसर बोर्ड में भी उन्हें जगह नहीं दी गयी.
आरएसएस से न्याय की उम्मीद
कीर्ति आजाद से पूछा गया कि आपको किससे न्याय की उम्मीद है प्रधानमंत्री से या आरएसएस से इस पर कीर्ति ने कहा, आरएसएस हमारी मातृ संस्था है और उसका संगठन काफी बड़ा है हालांकि मुझे प्रधानमंत्री से भी न्याय की उम्मीद है लेकिन मुझे संघ से ज्यादा उम्मीद है. उन्होंने बिहार के नेताओं की बागी तेवर पर पूछे गये सवाल पर कहा कि बिहार में कुछ नेताओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. इस साक्षात्कार में उन्होंने साफ कर दिया कि वह भाजपा से निकाले जाने के बाद किसी दूसरी पार्टी में नहीं जायेंगे मजाकिया लहजे में कहा कि कि मैं एक नयी पार्टी बनाऊंगा काप जो कांग्रेस और आप के अच्छे लोगों को मिलाकर होगी.
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