जम्मू : ‘असहिष्णुता’ का बेसुरा राग अलापकर पुरस्कार वापस करने वालों पर निशाना साधते हुए अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि इसे बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया था. उन्होंने इस तरह के अभियान को अचानक रोकने पर सवाल उठाए.
उन्होंने जम्मू में एक कार्यक्रम से इत्तर संवाददाताओं से कहा कि किसी तरह मैंने पुरस्कार वापसी के बारे में अपनी आवाज उठाई. यह पहला मौका है जब ऐसा हुआ है. मेरा मानना है कि इसे काफी सुनियोजित तरीके से किया गया था और बिहार चुनाव के बाद पुरस्कार वापसी का मौसम अचानक बंद हो गया.
उन्होंने कहा कि मेंरा हमेशा मानना है कि भगवान की कृपा से मुझे कई पुरस्कार मिले हैं. यद्दपि पुरस्कार किसी संगठन द्वारा दिए जाते हैं लेकिन वो आम आदमी के प्रेम और प्रोत्साहन का प्रतिनिधित्व करते हैं. खेर तीन दिन की जम्मू यात्रा पर हैं. उन्होंने तवी किनारे जम्मू साहित्य महोत्सव 2015 का उद्घाटन करते हुए यह बातें कही.
खेर ने कहा कि सबसे बड़ी असहिष्णुता कश्मीरी पंडितों की त्रासदी के खिलाफ दिखाई जानी चाहिए थी,लेकिन वह पुरस्कार लौटाने वालों की नजर से ओझल रहा. कश्मीरी पंडितों के जगती टाउनशिप का दौरा करने वाले 60 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि वह समुदाय की वापसी और पुनर्वास पर काम करेंगे.