* झारखंड-बिहार में एक जनवरी 2014 से शुरू करने की योजना
नयी दिल्ली : मनरेगा के तहत समय पर मजदूरी भुगतान में होनेवाले विलंब से निजात के लिए केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2014 से बिहार-झारखंड में इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट प्रणाली (इएफएमएस) शुरू करने के लिए राज्य सरकारों से अनुरोध किया है. फंड मिलने में होनेवाले विलंब से निजात और जमीनी स्तर पर राशि की उपलब्धता बरकरार रखने के लिए इएफएमएस की शुरुआत की गयी है. इस प्रणाली के तहत सर्वप्रथम आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और ओड़िशा को इसका लाभ मिलेगा. बिहार-झारखंड की ओर से इस सेवा की शुरुआत करने का समय एक जनवरी 2014 दिया गया है.
इएफएमएस में निधियों का ऑनलाइन एवं तत्काल ट्रांसफर सुनिश्चित किया गया है. इस प्रणाली में केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा मनरेगा के मजदूरी भुगतान में आवंटन की संपूर्ण प्रक्रिया और प्रशासनिक विलंब को समाप्त करने के साथ ही पारदर्शी, सरल और त्रुटिमुक्त बनाया गया है. इएफएमएस में यह भी सुनिश्चित किया गया है कि ग्राम पंचायतों को संसाधनों का आवंटन कार्य-निष्पादन के आधार पर किया जाये, जिससे निधियों के खर्च न होने की समस्याओं को दूर किया जा सके.
ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से अब केंद्र से राज्यों को निधियां रिलीज करने के लिए व्यय आधारित निधि रिलीज प्रणाली(इएफआरएस) तैयार की है. इएफआरएस यह सुनिश्चित करेगी कि एक सहमति प्राप्त फामरूले के अनुसार राज्य रोजगार गारंटी कोष(एसइजीएफ) में निधियां उपलब्घ करायी जाये. केंद्र सरकार की ओर से यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि राज्यों के पास हर समय न्यूनतम आश्वस्त निधि(एमएफए) जो 14 दिवसीय औसत व्यय के लिए न्यूनतम आश्वस्त निधि है उपलब्ध रहे.