अहमदाबाद : हालिया निकाय चुनावों में उदासीन सी प्रतिक्रिया मिलने के बावजूद गुजरात सरकार ई-वोटिंग की सुविधा को अब पंचायत चुनावों तक विस्तारित करने की योजना बना रही है. फिलहाल ई-वोटिंग की सुविधा राज्य के सभी आठ नगर निगमों के मतदाताओं तक ही सीमित है. जिला, तालुका और ग्राम पंचायत के मतदाताओं को अभी तक यह सुविधा प्राप्त नहीं है. फैसला लेने से पहले राज्य के पंचायत विभाग ने इस परियोजना की व्यवहारिकता के संदर्भ में भारत भर से और अन्य देशों से सूचना जुटाने का काम शुरू किया है. पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री जयंती कवाडिया के अनुसार, विभाग राज्य के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की कनेक्टिविटी के बारे में जानकारी भी जुटा रहा है.
कवाडिया ने कहा, ‘इस समय हमारा विभाग यह जानकारी जुटा रहा है कि क्या ऐसी कोई सुविधा भारत के किसी हिस्से में या विश्व में कहीं उपलब्ध है? यदि यह उपलब्ध है तो वहां इसका संचालन किस तरह से किया जाता है? गुजरात में ई-वोटिंग को लागू करने का खाका खींचने के लिए ऐसी जानकारी हमारे लिए जरुरी है.’ हाल ही में संपन्न हुए स्थानीय निकाय चुनावों में गुजरात राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) छह नगर निगमों में मतदान के लिए ई-वोटिंग की सुविधा लेकर आया था. इसे उदासीन किस्म की ही प्रतिक्रिया मिली.
इन छह शहरी निकायों के कुल 95.9 लाख मतदाताओं में से महज 806 लोगों ने ही ऑनलाइन वोट डालना पसंद किया. गुजरात एसईसी देश का ऐसा पहला राज्य निर्वाचन आयोग है, जिसने राज्य के नगर निगम क्षेत्रों के मतदाताओं को ऑनलाइन मतदान की सुविधा दी. मतदाताओं को यह सुविधा वर्ष 2010 में सबसे पहली बार दी गयी थी. हाल में संपन्न हुए स्थानीय निकाय चुनावों में इस सुविधा का इस्तेमाल दूसरी बार किया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव एम वी जोशी ने कहा कि यदि पंचायत विभाग भविष्य में ई-वोटिंग को हरी झंडी दिखाता है तो उसके लिए निर्वाचन आयोग की तैयारी भी पूरी है.