नयी दिल्ली : भारतीय रेल यात्री भाड़े को लेकर एक स्वतंत्र नियामक बनाने जा रहा है. अार्थिक जगत के मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक इसके लिए रेलवे एक योजना बना रहा है. इसके जरिए रेल भाड़े को लेकर विवाद और माल भाड़ा संरचना पर अलग से विचार किया जायेगा. साथ ही निजी निवेशकों के लिए समान स्तर की व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए रेलवे स्वतंत्र टैरिफ और माल भाड़ा नियामक प्राधिकरण का गठन करने पर विचार कर रहा है.
रेलवे की वित्तीय स्थिति के मद्देनजर इसे लागू करने पर विचार किया जा रहा है. मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद रेल मंत्री के मुताबिक इसे बजट सत्र में लागू करने की योजना तैयारी की जा रही है. इससे पूर्व में रेलवे रेग्यूलेटरी अथॉरिटी का नाम बदलकर अब रेलवे डेवलपमेंट आथिरिटी करने पर विचार हो चुका है. डेवलपमेंट एक्टिविटी का क्रियान्वयन करने के साथ ही फ्रेट रेट्स और फेयर रेट्स को उसके जरिए हैंडल करने का पहले ही रेलवे मन बना चुका है.
गौरतलब हो कि एक दशक से भी ज्यादा समय से रेलवे सुधार से जुड़ी सभी समितियों ने एक स्वतंत्र रेल रेग्यूलेटर बनाने की सिफारिश की थी. अंत में रेल मंत्री इसे अमली जामा पहनाने में जुटे हुए हैं. रेल मंत्री के मुताबिक रेग्युलेटर के कार्यों में पैसेंटर और फ्रेट टैरिफ की निगरानी के लिए उचित ढांचा भी बनाया जाएगा. साथ ही रेलवे की कार्यकुशलता को सुनिश्चित किया जाएगा.
रेलवे के सूत्रों की माने तो रेलवे रेग्युलेटरी का नाम बदलकर जब डेवलपमेंट किया जाएगा तो रेलवे में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट भी आकर्षित किया जायेगा. इस मामले में रेलवे पब्लिक समेत सभी स्टॉकहोल्डर्स से सुझाव लिया जायेगा. इसमें ऑथरिटी के निर्माण से लेकर इसके क्रियाकलापों पर विस्तार से चर्चा होगी. रेल मंत्री की माने तो आगामी संसद के सत्र में इसे सदन के पटल पर रखा जाएगा.