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छग टेप कांड : EC ने CS को जांच का जिम्‍मा सौंपा

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद, कांग्रेस नेता अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी के बीच टेलीफोन पर हुई वार्ता का टेप सामने आने के बाद आरोप…प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. इधर इस मामले पर निर्वाचन आयोग ने संज्ञान लेते हुए मुख्‍यसचिव को जांच का निर्देश दिया है. साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 30, 2015 8:35 PM

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद, कांग्रेस नेता अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी के बीच टेलीफोन पर हुई वार्ता का टेप सामने आने के बाद आरोप…प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. इधर इस मामले पर निर्वाचन आयोग ने संज्ञान लेते हुए मुख्‍यसचिव को जांच का निर्देश दिया है. साथ ही उनसे 7 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. टेप में पिछले वर्ष हुए विधानसभा उपचुनाव में ‘‘फिक्सिंग’ में उनकी कथित संलिप्तता के संकेत मिलते हैं.

अंटागढ (एसटी) सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मंटूराम पवार ने समय सीमा से एक दिन पहले उम्मीदवारी वापस ले ली थी और उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. वह अजीत जोगी के विश्वस्त माने जाते थे. टेप में वार्तालाप से पता चलता है कि कथित तौर पर धन का लेन…देन हुआ.
टेप में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी के बेटे अमित, रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता, पवार और जोगी के पूर्व सहयोगी फिरोज सिद्दिकी और अमीन मेमन के बीच बातचीत है. राजनीतिक सरगर्मी बढ़ते ही राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने अमित जोगी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है.
मुख्य विपक्षी दल ने मामले में सिंह को बर्खास्त करने और उच्चतम न्यायालय के निर्देशन में एसआईटी जांच की मांग की है जबकि भाजपा ने आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि यह राज्य कांग्रेस की ‘‘अंदरुनी लडाई’ का परिणाम है. रमन सिंह ने भी आरोपों को ‘‘आधारहीन’ करार दिया और कांग्रेस पर ‘‘भाजपा और उनके परिवार को’ विवाद में खींचने का प्रयास बताया जबकि अजित जोगी ने आरोपों को ‘‘पूरी तरह गलत’ करार दिया.
बघेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘रमन सिंह ने लोकतंत्र का अपमान किया है. उन्होंने अपनी शक्ति और काले धन का दुरुपयोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया में किया है.’ उन्होंने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि राज्यपाल भारत के राष्ट्रपति से रमन सिंह सरकार को बर्खास्त करने की अनुशंसा करें.’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग की कि उच्चतम न्यायालय की देखरेख में मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाए.
आरोपों को ‘‘निराधार’ करार देते हुए रमन सिंह ने कहा कि पवार के चुनाव से हटने में भाजपा की कोई भूमिका नहीं थी. अपने दामाद पुनीत गुप्ता का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मेरा दामाद सरकारी सेवक है और उन्हें राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. मेरे परिवार और भाजपा को इस मुद्दे में कांग्रेस घसीट रही है.’ राज्य भाजपा भी मुख्यमंत्री के साथ खड़ी नजर आई और आरोपों से इंकार किया.
भाजपा प्रवक्ता और विधायक शिवरतन शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अखबार में जो भी छपा है उससे मुख्यमंत्री रमन सिंह जुडे हुए नहीं हैं और उनके दामाद ने भी आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है.’ उन्होंने कहा कि राज्य कांग्रेस में ‘‘चल रही लड़ाई’ के परिणामस्वरुप यह टेप बाहर आया है.
उन्होंने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में दो समूह हैं. एक के प्रमुख भूपेश बघेल और टी एस सिंहदेव हैं और दूसरे के प्रमुख अजित जोगी हैं. अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए दोनों समूह एक दूसरे की छवि खराब कर रहे हैं. इसी के परिणामस्वरुप यह ऑडियो टेप बाहर आया है.’
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने के अपने लंबे चौडे वादों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तुरंत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को बर्खास्त करना चाहिए या इस्तीफा देने के लिए बाध्य करना चाहिए. मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए.’ सुरजेवाला ने कहा कि चूंकि कांग्रेस नेताओं के नाम भी टेप में सामने आए हैं इसलिए उनके व्यवहार की भी जांच होनी चाहिए.
सुरजेवाला ने कहा, ‘‘अजित जोगी या अन्य कांग्रेसी नेताओं के व्यवहार सहित सभी की भूमिका की जांच की जाए. चूंकि मुख्यमंत्री राज्य में सर्वोच्च संवैधानिक पद पर काबिज होता है इसलिए उनसे भी कहा जाना चाहिए कि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करें.’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस यह भी आश्वस्त करती है कि जांच के बाद वह अपने नेताओं के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करेगी. कांग्रेस की समिति जांच के निष्कर्ष के आधार पर कार्रवाई करेगी.’

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