पणजी: गोवा पुलिस ने तहलका के संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ कथित यौन शोषण के मामले में पत्रिका की पूर्व प्रबंध संपादक शोमा चौधरी और तीन अन्य को एक मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए बुधवार को समन भेजा.
पुलिस उप महानिरीक्षक ओ पी मिश्र ने बताया कि शोमा चौधरी और अन्य को समन भेज दिये गये हैं. उन्होंने इस बारे में जानकारी नहीं दी कि उन्हें बयान दर्ज करने के लिए कब बुलाया जाएगा. हालांकि सूत्रों ने कहा कि उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए शुक्रवार या शनिवार को बुलाया जा सकता है. शोमा और तीन अन्य गवाह उन लोगों में शामिल हैं जिनसे पीड़ित पत्रकार ने अपने साथ घटी घटना के बारे में जानकारी साझा की थी.
गोवा पुलिस ने इससे पहले मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से चौधरी और तीन अन्य को समन भेजने के लिए अनुमति मांगी थी ताकि मजिस्ट्रेट के समक्ष उनके बयान दर्ज कराये जा सकें. मजिस्ट्रेट ने उनके बयान दर्ज करने पर सहमति जताई. किसी मेट्रोपोलिटन या न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज कोई बयान या इकबालिया बयान अदालत में सबूत के तौर पर स्वीकार्य होता है और यदि कोई व्यक्ति इससे पलटता है तो उस पर झूठी गवाही का मामला चल सकता है.
गोवा पुलिस के एक दल ने मामले में तफ्तीश के शुरुआती स्तर पर दिल्ली में भी शोमा का बयान दर्ज किया था. तब तक उन्होंने पद नहीं छोड़ा था. अधिकारी ने कहा कि शोमा का बयान मामले के लिए बहुत अहम है क्योंकि कथित यौन शोषण की घटना के बारे में उन्हें सबसे पहले जानकारी मिली थी. गोवा के मुख्यमंत्री पार्रिकर ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुलिस इस मामले में एक से डेढ़ महीने के भीतर आरोपपत्र दाखिल करेगी. उन्होंने मामले की जांच में किसी तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप की बात से इनकार किया.