अटका ऑड इवन फार्मूला का पूर्वाभ्यास, केजरी ने IAS एसोसिएशन को बताया BJP की बी टीम

नयीदिल्ली : दिल्ली सरकार के नौकरशाह दानिक्स कैडर के दो अधिकारियों के निलंबन के विरोध में आज सामूहिक अवकाश पर चले गए. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस निलंबन को अमान्य घोषित कर दिया है.अफसरों के हड़ताल पर जाने के कारण आज अरविंद केजरीवाल सरकार का कारों के लिए कल से लागू होने वाला ऑड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2015 11:10 AM

नयीदिल्ली : दिल्ली सरकार के नौकरशाह दानिक्स कैडर के दो अधिकारियों के निलंबन के विरोध में आज सामूहिक अवकाश पर चले गए. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस निलंबन को अमान्य घोषित कर दिया है.अफसरों के हड़ताल पर जाने के कारण आज अरविंद केजरीवाल सरकार का कारों के लिए कल से लागू होने वाला ऑड इवन फार्मूला का पूर्वाभ्यास सफल नहीं हो सका. अरविंद केजरीवाल ने इस केंद्र व भाजपा पर कड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि यह सब केंद्र की साजिश है, उन्होंने कहा है कि आइएएस एसोसिएशन बीजेपी की बी टीम है. अधिकारियों के नहीं पहुंचने के कारण ऑड इवन का दो घंटे का यह अभ्यास दस मिनट में ही खत्म हो गया. परिवहन मंत्री गोपाल राय भी इस अयोजन मेें विलंब से पहुंचे थे.


केजरी ने आज एक के बाद एक ट्वीट केंद्र व अफसरों को निशाना बनाया. केजरी ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी इन आॅफिसर व एलजी के कंधे पर बंदूक रख कर गोली चला रहे हैं. उन्होंने अफसरों के हड़ताल पर जाने से संबंधित विकल्पों पर सरकार विचार कर रही है. उन्होंने लिखा है कि सरकार भ्रष्टाचार व अवहेलना को सहन नहीं कर सकती. उन्होंने यह भी लिखा है कि प्रोफेशनल व विषय विशेषज्ञ अफसरों को तैनात करने का समय आ गया है.

आप सरकार ने कैबिनेट के फैसले से संबंधित एक फाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने पर गृह विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया था जिसके एक दिन बाद अपने सहकर्मियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए दिल्ली, अंडमान-निकोबार द्वीप सिविल सेवा (दानिक्स) कैडर के करीब 200 अधिकारी सामूहिक अवकाश पर चले गए और 70 आइएएस अधिकारियों ने आधे दिन का अवकाश लिया.

विशेष सचिव (अभियोजन) यशपाल गर्ग और सुभाष चंद्रा ने लोक अभियोजकों के वेतन में वृद्धि से जुड़े कैबिनेट के फैसले से संबंधित एक फाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था जिसके बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गयी.

हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस निलंबन को अमान्य बताया है.

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दानिक्स का चयन संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा के जरिए किया जाता है.

केवल दिल्ली के उपराज्यपाल ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के साथ दानिक्स कैडर के अधिकारियों को निलंबित कर सकते हैं.

दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने विरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दानिक्स और आइएएस अधिकारियों को हड़ताल पर जाने का अधिकार नहीं है क्योंकि यह उनकी सेवा शर्तों के अनुरूप नहीं है.

आइएएस और दानिक्स अधिकारियों के संघ के आज काम नहीं करने के निर्णय से बेफिक्र जैन ने कहा, ‘‘ यदि वे हड़ताल पर जाते हैं तो लोग खुश होंगे. शासन संबंधी सारी प्रणाली अब ऑनलाइन है और इससे सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘ दो अधिकारियों को 28 दिसंबर को कैबिनेट का निर्णय लागू नहीं करने के कारण निलंबित किया गया. यदि उन्हें मेरे आदेश से कोई दिक्कत थी, तो उन्हें उपराज्यपाल नहीं बल्कि मुख्यमंत्री से संपर्क करना चाहिए था. उपराज्यपाल पहले ही अधिकारियों से सरकारी आदेश का उल्लंघन करने को कह चुके हैं.’ जैन ने कहा, ‘‘ मैं जानता हूं कि शाम तक उपराज्यपाल दिल्ली सरकार द्वारा दोनों अधिकारियों के निलंबन को अमान्य घोषित कर देंगे.’ जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार में काम कर रहे अधिकारियों को यदि कोई दिक्कत है तो वे अपना स्थानांतरण एलजी कार्यालय में करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ‘‘अवज्ञा’ को सहन नहीं करेगी.

उन्होंने भाजपा पर भी दिल्ली सरकार से अधिकारियों को हड़ताल पर जाने के लिए उकसाने का आरोप लगाया. दानिक्स अधिकारियों के संघ में करीब 200 सदस्य हैं जो कि एसडीएम, मंत्री के सचिव और विशेष सचिव समेत अहम पदों का कार्यभार संभाल रहे हैं.

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एसोसिएशन के एक प्रतिनिधि ने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के पास किसी भी दानिक्स अधिकारी के निलंबन का अधिकार नहीं है और वह केवल दानिक्स अधिकारी के निलंबन की सिफारिश कर सकती है, उपराज्यपाल गृह मंत्रालय की मंजूरी के साथ उसे निलंबित कर सकते हैं.’ इस माह की शुरुआत में भी केजरीवाल ने उन पीड़ितों को तत्काल राहत मुहैया कराने में असफल रहने वाले सब डिवीजनल मजिस्ट्रेटों को निलंबित कर दिया था जिनकी झोंपड़ियां पश्चिम दिल्ली की शकूर बस्ती इलाके में रेल विभाग ने नष्ट कर दी थी. हालांकि वे दोनों एसडीएम अब भी अपने पदों पर बने रहकर अपना काम कर रहे हैं.

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