आईएएस अधिकारी ने धर्म परिवर्तन किया, वसुंधरा सरकार पर भेदभाव का आरोप
जयपुर : राजस्थान पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी उमराव सालोदिया ने दलित होने के कारण उनके साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए आज अपना धर्म परिवर्तन कर लिया और स्वैच्छिक सेवानिवृति का आवेदन दे दिया. हालांकि प्रदेश सरकार ने उनके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने मुख्य […]
जयपुर : राजस्थान पथ परिवहन निगम के अध्यक्ष भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी उमराव सालोदिया ने दलित होने के कारण उनके साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए आज अपना धर्म परिवर्तन कर लिया और स्वैच्छिक सेवानिवृति का आवेदन दे दिया. हालांकि प्रदेश सरकार ने उनके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने मुख्य सचिव सी एस राजन को तीन माह का सेवा विस्तार दिये जाने के बाद अपने साथ भेदभाव के आरोप लगाये हैं.
सालोदिया ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में इस आशय की घोषणा की. साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘दलित अधिकारी होने के कारण मेरी अनदेखी की जा रही है. मैं इससे त्रस्त होकर आज इस्लाम कबूल कर रहा हूं.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने आज मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन भेज दिया है.
केंद्रीय कर्मचारियों के सेवानियम के अनुसार मैंने तीन महीने के नोटिस के तहत यह आवेदन भेज कर 31 मार्च 2016 को सेवानिवृत्ति का अनुरोध किया है. भारत सरकार को भी आज मैं यह पत्र भेज रहा हूं.’ 1978 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी संभवत अपने से जूनियर अधिकारियों को मुख्य सचिव पद पर पदस्थापित करने से दुखी हैं.
दूसरी ओर राजस्थान सरकार ने सालोदिया के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा नियमों के तहत पद पर रहते हुए सार्वजनिक मंच से सरकार की नीति रीति पर टिप्पणी करने के मामले में उनके खिलाफ ‘कार्रवाई’ के संकेत दिए हैं.
राजस्थान सरकार के प्रवक्ता संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड ने कहा, ‘‘सेवानिवृति से मात्र छह माह पहले वरिष्ठ अधिकारी उमराव सालोदिया ने सरकार पर अनुसूचित जाति और जन जाति वर्ग के साथ भेदभाव का मिथ्या आरोप लगाया है. भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के तहत पद पर रहते हुए सार्वजनिक तौर पर या संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से सरकार की नीति और रीति की आलोचना नहीं की जा सकती.’
सालोदिया ने आरोप लगाया है, ‘‘मेरे साथ अन्याय हुआ है. इसलिए मैंने स्वैच्छिक सेवानिवृति का अनुरोध मुख्यमंत्री को भेज दिया है. इसकी प्रतिलिपि भारत सरकार को भेज रहा हूं. मैंने सेवा नियमों के कारण तीन माह का नोटिस दिया है, अनुरोध किया है कि सरकार तय समय पर मुझे स्वैच्छिक सेवानिवृति दे दे.’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले चार वर्ष से अतिरिक्त मुख्य सचिव और राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम का अध्यक्ष हूं.
मुख्य सचिव पद के लिये योग्य हूं. लेकिन सरकार ने सी. एस. राजन को तीन माह का सेवा विस्तार दे दिया है. मैं अपने कनिष्ठ के नीचे काम नहीं कर सकता.’ सालोदिया ने कहा, ‘‘मैं समझता था कि दलित (एससी) होने के साथ-साथ वरिष्ठ आईएएस होने के नाते मुझे मुख्य सचिव के पद पर कार्य करने का अवसर दिया जाएगा. लेकिन मुझे प्रताडित किया गया है, इसलिये मैंने राज्य सरकार को तीन महीने का वीआरएस का नोटिस दिया है.’ उधर राठौड ने कहा, ‘‘कैलाश मेघवाल राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष, ललित के पंवार राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं और ये सभी एससी-एसटी हैं.’ उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय सेवा नियमों के तहत सरकार किसी भी अधिकारी के सेवाविस्तार का प्रस्ताव भारत सरकार को भेज सकती है और केंद्र इसे मंजूर कर सकता है.
संसदीय कार्यमंत्री ने सरकार द्वारा मुख्यसचिव सी. एस. राजन को तीन माह का सेवा विस्तार और कनिष्ठ अधिकारी की मुख्य सचिव पद पर नियुक्ति को जायज ठहराते हुए कहा, ‘‘पहले भी राज्य में कनिष्ठ अधिकारियों को मुख्य सचिव पद पर नियुक्त किया गया है.’ राठौड ने कहा, ‘‘सालोदिया के खिलाफ राजस्व मंडल में रहते हुए पिछली तिथि में सरकारी टिप्पणी लिखने का एक मुकदमा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दर्ज है. वरिष्ठ अधिकारी किसके इशारे पर ऐसा कर रहे हैं, यह ज्ञात नहीं. लेकिन सेवानिवृति से छह माह पहले इस तरह के मिथ्या आरोप लगाना उन्हें शोभा नहीं देता.’
सालोदिया ने कहा, ‘‘भारतीय संविधान में प्राप्त मूलभूत अधिकारों के तहत मैंने आज से इस्लाम धर्म कबूल कर लिया है.’ सालोदिया के इस्लाम कबूल करने पर मंत्री राठौड ने कहा, ‘‘सालोदिया भयमुक्त रहें. सरकार उनके खिलाफ बदले की कार्रवाई नहीं करेगी. उनका इस्लाम कबूल करना व्यक्तिगत कारण है. भेदभाव के कारण इस्लाम कबूल करने की बात कहना उचित नहीं.’ इस पूरे मामले में विपक्षी दल कांग्रेस का कहना है कि सालोदिया द्वारा लगाए गए आरोप, वीआरएस का आवेदन और उनका धर्म परिवर्तन भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है.
यहां जारी एक बयान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली से व्यथित व प्रताडित होकर आईएएस अधिकारी सालोदिया ने स्वैच्छिक सेवानिवृति का निर्णय किया है.’ उन्होंने कहा कि सबसे चिंता की बात यह है कि सरकारी व्यवस्था की उदासीनता के कारण उन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया है.
पायलट ने रोष व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘वर्तमान व्यवस्था के कारण आईएएस अधिकारी के साथ ऐसा भेदभाव हो रहा है तो अनुसूचित जाति व जनजाति के आम लोगों की प्रदेश में क्या स्थिति होगी, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है.’