रायपुर : नक्सिलयों ने पुणे के तीन युवकों का कथित रुप से अपहरण करने के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में रिहा कर दिया। युवक शांति का संदेश फैलाने के लिए साइकिल रैली कर रहे थे जब उनके साथ यह घटना हुई. बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक एस आर पी कल्लुरी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि युवकों को रिहा कर दिया गया और वे चिंतलनार के पुलिस शिविर में सुरक्षित पहुंच गए. उन्होंने बताया कि तीनों युवकों की पहचान आदर्श पाटिल, विकास वलाके और श्रीकिरहना शेवाले के तौर पर हुई है. पास के बीजापुर जिले के बसागुडा इलाके में उनका अपहरण किया गया और उन्हें जगरगुंडा पुलिस थाना क्षेत्र के चिंगर के पास तिम्मपुरम गांव में माओवादी कमांडर पापा राव की हिरासत में रखा गया था.
कल्लुरी ने कहा कि अपहरण की खबर मिलते ही पुलिस ने दक्षिण बस्तर में सभी नक्सल विरोधी अभियान निलंबित कर दिए. बाद में पुलिस तीनों युवकों की जगह का पता लगाने में सफल रही जिसके बाद उनकी सुरक्षित रिहाई कराने के लिए विभिन्न माध्यमों से अपहरणकर्ताओं के साथ बातचीत की गयी. आईजी ने हालांकि अपहरणकर्ताओं के साथ हुई बातचीत के ब्यौरे नहीं दिए.
उन्होंने कहा कि युवकों ने अपने ‘भारत जोडो’ अभियान के तहत महाराष्ट्र, छत्तीसगढ और ओडिशा में शांति का संदेश फैलाने के लिए पुणे से एक साइकिल रैली शुरु की थी। तीनों राज्य पिछले तीन दशकों में नक्सलवाद से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. तीनों युवकों का कुछ दिन पहले बीजापुर में अपहरण किया गया था. कल्लुरी ने कहा कि तीनों दस जनवरी को ओडिशा के बालमेला में अपनी रैली समाप्त करने वाले थे.