ऑड-ईवन फार्मूला के बाद भी कम नहीं हुआ है दिल्‍ली में प्रदूषण

नयी दिल्ली: शहर की हवा की गुणवत्ता आज भी खराब ही रही. अधिकारियों ने पाया है कि हवा में कुछ प्रदूषकों की मात्रा सुरक्षित सीमा से आठ से दस गुना तक ज्यादा है और ऐसा प्रमुखत: वायुमंडलीय कारकों की वजह से है. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग ऐंड रिसर्च (एसएएफएआर) के प्रत्येक घंटे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2016 3:56 PM

नयी दिल्ली: शहर की हवा की गुणवत्ता आज भी खराब ही रही. अधिकारियों ने पाया है कि हवा में कुछ प्रदूषकों की मात्रा सुरक्षित सीमा से आठ से दस गुना तक ज्यादा है और ऐसा प्रमुखत: वायुमंडलीय कारकों की वजह से है.

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग ऐंड रिसर्च (एसएएफएआर) के प्रत्येक घंटे के आधार पर दिए जाने वाले अपडेट में पीएम 2.5 और पीएम10 का स्तर सुबह के बाद से बढता दिखाई दिया. दोपहर एक बजे पीएम2.5 241 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था.
आनंद विहार और आर के पुरम स्थित दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के निगरानी स्टेशनों में इसी दौरान पीएम 2.5 की मात्रा क्रमश: 563 और 590 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज की गई. वहीं पीएम10 की मात्रा क्रमश: 901 और 694 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज की गई.
श्वसन तंत्र और फिर रक्तवाहिनियों में प्रवेश के लिहाज से इन हानिकारक सूक्ष्म कणों की सुरक्षित सीमा क्रमश: 60 और 100 है. द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) ने अपने विश्लेषण में पाया है कि कल के प्रदूषण का स्तर कई तय सीमाएं लांघ गया.
टेरी ने कहा कि चार अलग-अलग स्थानों- मंदिर मार्ग, आर के पुरम, पंजाबी बाग और आनंद विहार- पर 24 घंटे की औसतन मात्रा सुरक्षित मानकों से कई गुना अधिक पाई गई. हरित निकाय ने कहा, ‘‘24 दिसंबर और तीन जनवरी के बीच के आंकडों के चलन का विश्लेषण करने पर पाया गया कि चार स्टेशनों पर पीएम 2.5 की मात्रा 72 से 176 प्रतिशत तक बढी है.
हालांकि ऐसा मुख्य रुप से इस अवधि के दौरान हवा की गति कम हो जाने के कारण हुआ है.’ टेरी ने कहा कि कारों से निकलने वाले धुंए से इतर अन्य कारकों और मौसम के प्रभावों की वजह से एक जनवरी से लागू हुई सम-विषम योजना के असर का तत्काल आकलन संभव नहीं है.

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