पठानकोट हमला : सुस्‍ती पर आतंकियों को आकाओं से पड़ी थी फटकार

नयी दिल्ली : पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला करने वाले आतंकवादी चार और दो के समूहों में आए थे और उनके पाकिस्तानी आकाओं ने बड़े समूह को फटकारा था कि वे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में पीछे कैसे रह गए जबकि उनके सहयोगी परिसर में पहले ही पहुंच चुके थे. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2016 9:26 PM

नयी दिल्ली : पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमला करने वाले आतंकवादी चार और दो के समूहों में आए थे और उनके पाकिस्तानी आकाओं ने बड़े समूह को फटकारा था कि वे अपने लक्ष्य तक पहुंचने में पीछे कैसे रह गए जबकि उनके सहयोगी परिसर में पहले ही पहुंच चुके थे.

आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि छह आतंकवादियों के समूह के दो आतंकवादी चार अन्य द्वारा पंजाब के एक पुलिस अधीक्षक का अपहरण किए जाने और क्षेत्र में उनकी मौजूदगी को लेकर अलर्ट जारी किए जाने से काफी पहले ही शायद पठानकोट वायुसेना अड्डे में घुस गए थे.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस बात की ‘‘काफी आशंका” है कि कम से कम दो आतंकवादी पंजाब पुलिस के एसपी सलविंदर सिंह, उनके ज्वेलर मित्र राजेश वर्मा और सिंह के रसोइए का 31 दिसंबर को एक एसयूवी गाडी के साथ अपहरण किए जाने के पहले ही वायुसेना अड्डे में घुस गए. वर्मा का गला रेत दिया गया था लेकिन वह बच गए. वर्मा ने पूछताछ करने वाले अधिकारियों को बताया कि अपहरण करने के बाद वाहन में घुस आए चारों आतंकवादियों की अपने आकाओं से बातचीत को उन्होंने सुना था जो संभवत: पाकिस्तान में थे.
आकाओं ने चारों आतंकवादियों को यह कहकर जाहिरा तौर पर फटकारा कि क्यों वे लोग वायुसेना अड्डे में प्रवेश नहीं कर सके जबकि दो अन्य आतंकवादी पहले ही लक्ष्य पर पहुंच गए हैं. जांच के ब्यौरे के अनुसार चारों आतंकवादियों ने अपने आकाओं से कहा कि वे रास्ते में ही थे लेकिन वायुसेना अड्डे तक नहीं पहुंच सके क्योंकि रास्ते में कई पुलिस नाके थे.
सूत्रों ने कहा कि ऐसी आशंका भी है कि ये चारों आतंकवादी एक जनवरी की सुबह वहां वायुसेना अड्डे के अंदर घुसे। क्षेत्र के सभी महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए उस दिन शाम को अलर्ट जारी किया गया था. अपहृत वाहन भी वायुसेना वायुसेना अड्डे के पास बरामद हुआ. पंजाब पुलिस के एसपी के इस दावे की पुष्टि में कई घंटे बर्बाद कर दिए गए कि आतंकवादियों ने उनका और दो अन्य लोगों को अपहरण कर लिया था.
सूत्रों ने बताया कि एसपी ने शुरू में जिन पुलिस अधिकारियों को आतंकवादियों के बारे में बताया उन्होंने उनके ‘‘संदिग्ध अतीत” के कारण इसे गंभीरता से नहीं लिया. इससे अहम समय बर्बाद हो गया.
सूत्रों ने बताया कि चेतावनी जारी होते ही पठानकोट वायु सैनिक ठिकाने सहित तमाम महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा शीर्ष स्तर तक बढ़ा दी गयी ताकि आतंकवादी हमला नहीं करने पाएं. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि कुल छह आतंकवादी थे जो दो हिस्सों में बंटे हुए थे. इनमें एक समूह में चार और दूसरे में दो आतंकवादी थे.
सरकार के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों को एक जनवरी को पता लगा कि पठानकोट वायुसैनिक अड्डा आतंकवादियों को निशाना होगा और सुरक्षा बढ़ाने के लिए तत्काल कदम उठाए गए. उस समय तक आतंकवादी मुक्त ही थे. सरकार की पहली प्राथमिकता तकनीकी क्षेत्र में रखी संपत्ति को सुरक्षित रखना था और 160 कमांडो की एनएसजी टीम भेजी गयी थी. उन्हें तथा अन्य विशेष बलों को आंतरिक घेरे में संपत्ति की रक्षा के लिए तैनात किया गया था.

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