नयी दिल्ली: आदित्य बिड़ला समूह ने आज कहा कि उसने लगभग 15 साल तक राजनीतिक दलों को चंदा एक ट्रस्ट के जरिए दिया है. समूह का कहना है कि यह चंदा देश के कानूनों की अनुमतियोग्य सीमा के दायरे में ही दिया गया.समूह ने एक बयान में यह स्पष्टीकरण दिया है. इसके अनुसार, हम बताना चाहेंगे कि कंपनी कानून में संशोधन के बाद राजनीतिक दलों को चंदे के लिए हमारी कुछ समूह कंपनियों ने ट्रस्ट बनाया था. इस संशोधन के जरिए इस तरह के चंदे की अनुमति दी गई थी.
उल्लेखनीय है कि कोयला खान आवंटन मामले में कथित संलिप्तता के लिए ग्रुप की जांच की जा रही है. इसके साथ ही समूह ने कोयला आवंटन मामले में किसी तरह की गलती से इनकार किया है.
समूह का कहना है कि सम्बद्ध कंपनियों ने 1998 में काफी विचार विमर्श के बाद यह ट्रस्ट जनरल इलेक्ट्राल ट्रस्ट बनाया. इसका उद्देश्य विभिन्न राजनीतिक दलों, व्यक्तियों को चंदा देना है. यह गैर सरकारी संगठन केवल उन्हीं राजनीतिक दलों या प्रत्याशियों को चंदा देता है जो भारतीय निर्वाचन आयोग के यहां पंजीबद्ध हों.