नयी दिल्ली : वाहनों के प्रदूषण पर अंकुश लगाने की दिशा में सरकार ने बीएस-5 को छोडते हुए एक अप्रैल, 2020 से सीर्ध भारत चरण (बीएस) 6 वाहन उत्सर्जन नियमों को लागू करने का आज निर्णय किया. बीएस-6, बीएस-5 से कहीं अधिक सख्त उत्सर्जन नियम है.
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प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार का बड़ा फैसला
नयी दिल्ली : वाहनों के प्रदूषण पर अंकुश लगाने की दिशा में सरकार ने बीएस-5 को छोडते हुए एक अप्रैल, 2020 से सीर्ध भारत चरण (बीएस) 6 वाहन उत्सर्जन नियमों को लागू करने का आज निर्णय किया. बीएस-6, बीएस-5 से कहीं अधिक सख्त उत्सर्जन नियम है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता […]
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में हुई एक अंतर मंत्रालयी बैठक में यह निर्णय किया गया. बैठक में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर भी शामिल थे.बैठक के बाद गडकरी ने बताया, ‘‘ सरकार ने एक अप्रैल, 2020 से बीएस-4 से सीधे बीएस-6 की ओर रुख करने का निर्णय किया है. हमने बीएस-5 उत्सर्जन नियमों को छोडने का निर्णय किया है.
यह एक बडा फैसला है और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है.’ उन्होंने कहा कि अन्य सभी मंत्रालयों ने इसका क्रियान्वयन सफल बनाने के लिए सहयोग का आश्वासन दिया है. दिसंबर के अंत में प्रधान ने कहा था कि भारत यूरो-4 उत्सर्जन नियमों के अनुपालन वाले पेट्रोल व डीजल से 2020 तक सीधे यूरो-6 ईंधन पर जाएगा.इससे पहले भी सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, पेट्रोलियम मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय एवं पर्यावरण व वन मंत्रालय के प्रतिनिधियों की एक अंतर..मंत्रालयी बैठक हुई थी, लेकिन उसमें इस मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन सकी थी.
वर्तमान में जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान के कुछ हिस्सों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत में बीएस-4 ईंधनों की आपूर्ति की जा रही है, जबकि देश के बाकी हिस्से में बीएस-3 ईंधन की आपूर्ति की जा रही हैं.
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