अनुच्छेद 370 पर बहस की कोई जरुरत नहीं : थरुर
इंदौर: जम्मू.कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 पर किसी बहस की जरुरत से इंकार करते हुए मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरुर ने आज कहा कि यह संवैधानिक प्रावधान जम्मू.कश्मीर में तब तक लागू रहेगा, जब तक सरहदी सूबे के लोकतांत्रिक रुप से निर्वाचित नेता इसे बरकरार रखना चाहेंगे. थरुर […]
इंदौर: जम्मू.कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 पर किसी बहस की जरुरत से इंकार करते हुए मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरुर ने आज कहा कि यह संवैधानिक प्रावधान जम्मू.कश्मीर में तब तक लागू रहेगा, जब तक सरहदी सूबे के लोकतांत्रिक रुप से निर्वाचित नेता इसे बरकरार रखना चाहेंगे.
थरुर ने यहां प्रतिष्ठित स्कूल ‘डेली कॉलेज’ के 131 वें वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में हिस्सा लेने के बाद अनौपचारिक बातचीत में कहा, ‘मैं नहीं सोचता कि अनुच्छेद 370 पर किसी बहस की जरुरत है. यह अनुच्छेद जम्मू.कश्मीर में तब तक लागू रहेगा, जब तक लोकतांत्रिक रुप से चुने गये कश्मीरी इसे बरकरार रखना चाहेंगे.’ उन्होंने जम्मू.कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को उद्धृत करते हुए कहा, ‘अनुच्छेद 370 जम्मू.कश्मीर और दिल्ली के बीच एक पुल की तरह है.’
बहरहाल, थरुर की पत्नी सुनंदा पुष्कर ने जम्मू.कश्मीर में महिलाओं के साथ अधिकारों के मामले में भेदभाव का मुद्दा उठाते हुए हाल ही में कहा था कि अनुच्छेद 370 पर पुनर्विचार की जरुरत है.
इस बारे में पूछे जाने पर मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने कहा, ‘मेरी पत्नी ने एक औरत और एक कश्मीरी के तौर पर लैंगिक मुद्दा उठाया है. इस लैंगिक मुद्दे पर बहस की जरुरत है. लेकिन अनुच्छेद 370 पर किसी बहस की जरुरत नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘औरतों को अपने हक के बारे में आवाज उठाने का हक है और मदरें को इसका सम्मान करना चाहिये.’