नयी दिल्ली/इसलामाबाद : भारत ने गुरुवार को साफ कहा है कि पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हुए आतंकवादी हमले से जुड़े उन सबूतों पर पाकिस्तान को ‘त्वरित तथा निर्णायक कार्रवाई’ करनी ही होगी जो भारत ने उसे सौंपे हैं. भारत की इस कड़ी प्रतिक्रिया से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तान की ओर से कार्रवाई के अभाव में दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच इसी माह होने वाली महत्वपूर्ण बातचीत का होना मुमकिन नहीं हो पाएगा.
भारत सरकार ने गुरुवार को पठानकोट हमले के गुनहगारों पहचान और साजिश पाकिस्तान में रचे जाने के पक्के सबूत पाक को दिये. स्पष्ट संदेश दिया कि हम पड़ोसी देश से मित्रता चाहते हैं, पर सीमा पार से आतंकी हमले सहन नहीं करेंगे. इससे पहले, इसलामाबाद में नवाज शरीफ ने गृह मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. इसके बाद पाक के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर के हवाले से इंडिया टीवी ने खबर दी कि पठानकोट के दोषियों पर 72 घंटे में बड़ी कार्रवाई हो सकती है. भारत ने पाक को पठानकोट के गुनहगारों के नाम सौंप कर भविष्य में किसी बातचीत के लिए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की शर्त रखी है.
नयी दिल्ली में विदेश सचिव विकास स्वरूप ने कहा कि पाक के साथ विदेश सचिव स्तर की बातचीत पठानकोट हमले को लेकर इसलामाबाद की ‘त्वरित एवं निर्णायक’ कार्रवाई पर निर्भर करती है. भारत ने पाक को ‘कार्रवाई करने योग्य खुफिया जानकारी’ प्रदान की है. यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तान के कार्रवाई करने को लेकर कोई समयसीमा तय की गयी है, तो उन्होंने कहा, ‘हम कोई समयसीमा नहीं दे रहे हैं. इसके साथ ही त्वरित का मतलब त्वरित होता है और हम इस शब्द की आम व्याख्या के साथ जायेंगे.’ उन्होंने इस दलील को खारिज कर दिया कि भारत की मांग से बातचीत प्रभावित होगी.
स्वरूप ने कहा कि भारत चाहेगा कि पाकिस्तान पठानकोट हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे. खुफिया एजेंसियों ने कहा है कि हमले में जैश के ‘आकाओं’ अशफाक अहमद, हाफिज अब्दुल शकूर, कासिम जान और मौलाना मसूद अजहर के हाथ हैं. इस बात के भी पक्के सबूत हैं कि इसकी साजिश लाहौर के पास रची गयी.
उधर, इसलामाबाद में बैठक के बाद एक अधिकारी ने कहा कि भारत द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी पर्याप्त नहीं है, क्योंकि यह केवल टेलीफोन नंबरों तक सीमित है तथा पाकिस्तान अतिरिक्त जानकारी के लिए कह सकता है. अधिकारी ने कहा कि बैठक में सहमति बनी कि किसी के हमले में संलिप्तता का दोषी पाये जाने के बाद कड़ी कार्रवाई की जायेगी.