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अपने जीवनकाल में मैं बाल दासता को समाप्त कर दूंगा : कैलाश सत्यार्थी

नयी दिल्ली : नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के जीवन का लक्ष्य भारत और पूरी दुनिया से बाल दासत्व को समाप्त करना है. उन्होंने कहा है कि वे अपने जीवनकाल में इस कुप्रथा को समाप्त करना चाहते हैं. हम बच्चों की स्वतंत्रता के लिए काम कर रहे हैं. 35 वर्ष पहले यह भारत […]

नयी दिल्ली : नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के जीवन का लक्ष्य भारत और पूरी दुनिया से बाल दासत्व को समाप्त करना है. उन्होंने कहा है कि वे अपने जीवनकाल में इस कुप्रथा को समाप्त करना चाहते हैं.

हम बच्चों की स्वतंत्रता के लिए काम कर रहे हैं. 35 वर्ष पहले यह भारत में कोई मुद्दा नहीं था, लेकिन आज स्थिति कुछ और है. मैं आशावान हूं जल्दी ही हम बाल दासता को समाप्त कर देंगे.
उन्होंने कहा कि आज आम लोग भी यह चाहने लगे हैं कि देश से बाल दासता समाप्त हो और वे इसके लिए प्रयास भी कर रहे हैं. 2014 के नोबल पुरस्कार विजेता की हिंदी में पहली बार ‘आजाद बचपन की ओर ’का विमोचन जस्टिस दीपक मिश्रा ने किया. इस पुस्तक में उन घटनाओं और मूवमेंट का जिक्र है, जिनसे सत्यार्थी रूबरू हुए.

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