नयी दिल्ली: ऑड ईवन फॉर्मूले पर दिल्ली सरकार ने आज हाईकोर्ट में बताया कि इसके लिए 15 दिन पर्याप्त नहीं हैं. अगर जरुरत पडी तो हम इसे और आगे तक बढा सकते हैं. सरकार ने कहा कि इस फॉर्मूले से दिल्ली में व्यस्त समय में प्रदूषण कम हुआ है. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सोमवार तक फैसला सुरक्षित रख लिया है. ऑड ईवन फॉर्मूला कम से कम 11 जनवरी तक चलेगी. दिल्लीहाईकोर्टने कहा कि वह उसी दिन आदेश जारी करेगा.
दिल्ली सरकार ने ऑड ईवन फॉर्मूले से निजी वाहन परिचालन की योजना पर रोक लगाने की मांग को लेकर दर्जन भर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी.चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की पीठ के समक्ष अधिवक्ता मेहरा ने सरकार का पक्ष रखा. वे इस योजना से दोपहिया वाहन चालकों और महिलाओं को छूट दिए जाने का भी बचाव करते नजर आए. मेहरा ने कहा कि दो पहिया वाहनों को इस योजना के बाहर रखा गया है यदि ऐसा नहीं किया जाता तो लोगों को काफी परेशानी हो सकती थी क्योंकि अभी सार्वजनिक परिवहन के पर्याप्त साधन सरकार के पास उपलब्ध नहीं है.
उन्होंने कहा कि इस योजना से जाम की समस्या न के बराबर होती दिख रही है साथ ही यह प्रदूषण में कमी के लिए सार्थक कदम साबित हो रहा है. मेहरा ने कहा वह अगली सुनवाई पर ट्रायल के दौरान एकत्र प्रदूषण के आंकड़े कोर्ट के समक्ष पेश कर देंगे.
आपको बता दें कि पिछली सुनवाई में हाइकोर्ट ने दिल्ली सरकार की इस योजना पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि ऑड-ईवन फ़ॉर्मूले को 6 दिन हो चुके हैं. इससे कितना फायदा हुआ सरकार बताए. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि एक हफ्ते में खत्म क्यों नहीं करते नियम? 15 दिन क्यों चाहती है दिल्ली सरकार?कोर्ट ने कहा था कि फायदा-नुकसान जानने के लिए एक हफ्ता काफी है. ज्यादा दिन नियम लागू होने से लोगों को दिक्कत होती है.