12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नहीं रहे रवींद्र कालिया

नयी दिल्ली : हिंदी जगत के जाने-माने उपन्यासकार, कहानीकार और संस्मरण लेखक रवींद्र कालिया का आज निधन हो गया, वे 78 वर्ष के थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई यादगार कहानियां लिखीं. उन्हें सोमवार दोपहर अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया और उनकी हालत अत्यंत गंभीर […]

नयी दिल्ली : हिंदी जगत के जाने-माने उपन्यासकार, कहानीकार और संस्मरण लेखक रवींद्र कालिया का आज निधन हो गया, वे 78 वर्ष के थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में कई यादगार कहानियां लिखीं. उन्हें सोमवार दोपहर अचानक स्वास्थ्य खराब होने के कारण अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया और उनकी हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है.

उनके महत्वपूर्ण अंगों ने काम करना बंद कर दिया है. वे लीवर सिरोसिस के मरीज हैं. कालिया की पत्नी ममता कालिया जो हिंदी की मशहूर लेखिका हैं और उनके परिजन उनके साथ हैं. श्री कालिया साठोत्तरी पीढी के महत्वपूर्ण लेखक थे. जन्म 11 नवंबर 1938 में पंजाब के जालंधर में हुआ था. साहित्य जगत में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया था.

जिनमें उप्र हिंदी संस्थान का प्रेमचंद स्मृति सम्मान, मप्र. साहित्य अकादेमी द्वारा पदुमलाल बक्शी सम्मान, उप्र हिंदी संस्थान द्वारा साहित्य भूषण सम्मान, उ.प्र. हिंदी संस्थान द्वारा लोहिया सम्मान, पंजाब सरकार द्वारा शिरोमणि साहित्य सम्मान शामिल है.

रवींद्र कालिया हिंदी के उन गिने-चुने संपादकों में से एक हैं, जिन्हें पाठकों की नब्ज का अच्छी तरह से पता था. उन्होंने ‘नया ज्ञानोदय’ के संपादन का दायित्व संभालते ही उसे हिंदी साहित्य की अनिवार्य पत्रिका बना दिया.धर्मयुग में रवींद्र कालिया के योगदान से सारा साहित्य-जगत परिचित है. रवींद्र कालिया ने वागर्थ, गंगा जमुना, वर्ष का प्रख्यात कथाकार अमरकांत पर एकाग्र अंक, मोहन राकेश संचयन, अमरकांत संचयन सहित अनेक पुस्तकों का संपादन किया.
मुख्य कृतियां
कहानी संग्रह : नौ साल छोटी पत्नी, काला रजिस्टर, गरीबी हटाओ, बाँके लाल, गली कूचे, चकैया नीम, सत्ताइस साल की उमर तक, जरा सी रोशनी, रवींद्र कालिया की कहानियाँ
उपन्यास : खुदा सही सलामत है, ए बी सी डी, 17 रानडे रोड
संस्मरण : स्मृतियों की जन्मपत्री, कामरेड मोनालिज़ा, सृजन के सहयात्री, ग़ालिब छुटी शराब, रवींद्र कालिया के संस्मरण
व्यंग्य : राग मिलावट मालकौंस, नींद क्यों रात भर नहीं आती
संपादन : वागर्थ, नया ज्ञानोदय, गंगा जमुना, वर्ष (प्रख्यात कथाकार अमरकांत पर एकाग्र), मोहन राकेश संचयन, अमरकांत संचयन सहित अनेक पुस्तकों का संपादन

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें