धर्मनिरपेक्षता के सियासी सूरमा साम्प्रदायिक तांडव पर खामोश : नकवी

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा, समृद्धि और शान्ति को केंद्र सरकार की प्राथमिकता बताते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार की आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने (जीरो टॉलरेंस) की नीति है और विपक्ष खासकर कांग्रेस को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे मुद्दों पर ‘हवा-हवाई’ बातें करना छोडकर गंभीरता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2016 1:30 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा, समृद्धि और शान्ति को केंद्र सरकार की प्राथमिकता बताते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार की आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने (जीरो टॉलरेंस) की नीति है और विपक्ष खासकर कांग्रेस को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे मुद्दों पर ‘हवा-हवाई’ बातें करना छोडकर गंभीरता दिखानी चाहिए. नकवी ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘ भारत के खिलाफ किसी भी आतंकी गतिविधि को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आतंकवाद और कट्टरवाद मानवता के सबसे बडे दुश्मन हैं और इस समस्या को खत्म करने के प्रयास में संपूर्ण विश्व को एकजुट होना होगा.

प्रधानमंत्री ने भी इस स्थिति को पाकिस्तान समेत सभी के समक्ष स्पष्ट कर दिया है.” आतंकवाद के खिलाफ केंद्र के सख्त रुख का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यदि कोई भी शैतानी ताकत भारत की सुरक्षा, समृद्धि, और स्वाभिमान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगी तो उसे ध्वस्त करने में हमारा देश पूरी तरह से सक्षम है. पठानकोठ हमले पर विपक्ष, खासकर कांग्रेस की आलोचना पर उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ ‘‘जीरो टॉलरेंस ” की नीति है और विपक्ष खासकर कांग्रेस को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे मुद्दों पर ‘हवा-हवाई’ बातें करना छोडकर गंभीरता का प्रदर्शन करना चाहिए.”

मालदा, पूर्णिया की हिंसक घटनाओं पर एक सवाल के जवाब में नकवी ने कहा कि जो लोग धर्मनिरपेक्षता के सियासी सूरमा बनते थे, वे इस साम्प्रदायिक तांडव पर खामोश हैं. ‘‘मालदा और पूर्णिया की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है.” अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक पार्टी से जुडे लोगों ने इस साम्प्रदायिक तांडव को समर्थन दिया और अब इन अत्यंत गंभीर विषयों पर मौन हैं. आगामी बजट में अपनी सरकार की प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए नकवी ने कहा कि मोदी सरकार की देश के गरीबों-किसानों-युवाओं के सशक्तिकरण की कोशिश रंग ला रही है और यह जमीनी हकीकत बन रही है. नकवी ने कहा कि केंद्र गांव, किसान, गरीब, कमजोर तबके, युवाओं और महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए पुख्ता-प्रभावशाली-पारदर्शी परियोजनाओं को लोगों तक पहुंचा रहा है. इनमें जन धन योजना, अटल पेंशन योजना, जीवन बीमा एवं सामाजिक सुरक्षा की योजनाएं बेटी बचाओ बेटी पढाओ, सुकन्या योजना के अलावा डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, सांसद आदर्श ग्राम योजना शामिल हैं.

संसदीय कार्य राज्य मंत्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर सरकार के मंत्री देश के लोगों से सीधा सम्पर्क साध रहे हैं, उनकी बात सुन रहे है, राय ले रहे हैं और आने वाले बजट में इसे आत्मसात किया जायेगा. अल्पसंख्यकों के आर्थिक-सामाजिक-शैक्षणिक सशक्तिकरण पर जोर देते हुए नकवी ने कहा कि सरकार ‘नई मंजिल, नई रौशनी, उस्ताद, सीखो और कमाओ, पढो परदेस, प्रधानमंत्री का नया 15-सूत्रीय कार्यक्रम जैसी योजनाओं को तत्परता से आगे बढा रही है. हमारा प्रयास है कि योजनाएं कागजों तक ही सीमित न रहे बल्कि इन्हें धरातल पर उतारा जाए. उन्होंने कहा, ‘‘आदिवासी, पिछडे, अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के चौमुखी विकास हेतु सरकार ने विशेष प्रयास शुरु किए हैं. हमारी सरकार द्वारा शुरूकी गई योजनाएं सिर्फ योजनाएं नहीं हैं बल्कि भाजपा सरकार का ‘सबका विकास’ के लिए दृढ और ईमानदार संकल्प हैं.”

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