RSS बना रहा है मुस्लिम युवकों को हुनरमंद
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सांस्कृतिक कार्यों के साथ-साथ अब लोगों को हुनरमंद और स्वरोजगार से जोड़ने का काम कर रहा है. इसी के तहत संगठन की ओर से झारखंड की राजधानी रांची से करीब पचास किलोमीटर दूर पतरातु में कौशल विकास का काम किया जा रहा है. जो की मुस्लिमों और ईसाई समाज […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सांस्कृतिक कार्यों के साथ-साथ अब लोगों को हुनरमंद और स्वरोजगार से जोड़ने का काम कर रहा है. इसी के तहत संगठन की ओर से झारखंड की राजधानी रांची से करीब पचास किलोमीटर दूर पतरातु में कौशल विकास का काम किया जा रहा है. जो की मुस्लिमों और ईसाई समाज में खासा लोकप्रिय हो रहा है.
संघ के द्वारा चलाया जा रहा कार्यक्रम लोगों को सीधे रोजगार से जोड़ने का काम कर रही है. संगठन के इस काम का असर रांची से पचास किलोमीटर दूर पतरातु में दिख रहा है.यहां का हफुआ गांव कभी अपराध के लिए जाना जाता था. मुस्लिम बहुल इस गांव के लोगों के पास रोजगार के लिए कोई साधन नहीं थे, इसलिए यहां के युवा सहज ही अपराध की ओर रुख कर लेते थे. लेकिन आरएसएस के क्षेत्रीय संघ चालक सिद्धिनाथ सिंह ने यहां के युवकों को एक मिशन के तहत बदलने का बीड़ा उठाया और सफल भी हुए. इनकी सफलता का प्रमाण है कि जो युवक अपराध की दुनिया में अपना पांव रख चुके थे आज उनके सपनों को नयी दिशा मिल चुकी है.
जानकारी के मुताबिक सिद्धिनाथ सिंह ने एक अभियान चलाकर गांव के 300 से ज्यादा युवाओं को तकनीकि रूप से प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बना दिया है. अब इस गांव में पुलिस नहीं आती है, युवक घंटों अपने काम में लगे रहते हैं. तकनीकी रूप से प्रशिक्षित युवक आज विदेशों में भी अपनी सेवा दे रहे हैं. सिद्धिनाथ सिंह ने यहां के भटके हुए युवाओं को उनके सपनों और इरादों को नया मोड़ दिया है.
आरएसएस द्वारा कुछ इसी तरह का प्रयास झारखंड के जमशेदपुर में भी चलाया जा रहा है. जहां भारतीय संस्कृति के संगम के साथ वहां के युवक-युवतियां कौशल विकास प्रशिक्षण का लाभ ले रहे हैं. जो राष्ट्रीय सेवा भारती से जुड़कर अपने-आपको स्वालंबित कर रहे हैं. जमशेदपुर में कोई आईआईटी का सपना देख रहा है तो कोई मुस्लिम युवक फीटर बनकर कंपनी का बायलर ठीक करने में लगा है. लोगों का और मुस्लिम युवाओं का कहना है कि आरएसएस के सिद्धिनाथ सिंह उनके लिए भगवान हैं.