कर्नाटक से 7 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, फर्जी आधार और वोटर ID हुए बरामद
रामनगर पुलिस ने 7 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक वे गैर कानूनी तरीके से ब्रोकर के जरिए भारत में प्रवेश किए थे.
कर्नाटक के रामनगर जिले में पुलिस ने 7 बांग्लादेशी नगारिकों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उनसे पास से फर्जी आईडी कार्ड भी जब्त किया है. पुलिस के अनुसार सभी एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करते थे. यह सभी जून महिने के पहले हफ्ते में कर्नाटक के डूड बालापुर जिला पहुंचे थे. इसके बाद सभी रामनगर जिले में नौकरी की तलाश में चले गए. फिलहाल पुलिस एक ब्रोकर की तलाश में है, जिसने इन्हें रामनगर में घर और नौकरी दिलाने में मदद की थी.
Karnataka | Ramanagara rural police arrested seven Bangladeshi nationals who were living & working here with fake ID proofs. They were working in a garment factory. They had Odisha, West Bengal & Assam ID cards: Santosh Babu, SP Ramanagara (12.07) pic.twitter.com/ysn4pRqiZg
— ANI (@ANI) July 13, 2022
पूछताछ में जुटी पुलिस
रामनगर के एसपी के संतोष बाबू ने इस संबंध में बताया कि सभी बांग्लादेशी ब्रोकर के जरिए गैर कानूनी तरीके से भारत में दाखिल हुए थे. छापेमारी के दौरान इनके पास से पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिक होने के दस्तावेज भी बरामद किए हैं. पुलिस अब उस फैक्ट्री में भी पूछताछ कर रही हैं, जहां सभी काम करते थे. वहीं, पुलिस द्वारा इसकी भी जांच की जा रही है कि यह लोग कर्नाटक केवर नौकरी करने आए थे या किसी साजिश के तहत नौकरी कर रहे थे. पुलिस ने बताया कि सभी को बेंगलुरु के डिटेंशन सेंटर में जल्द शिफ्ट किया जाएगा.
बांग्लादेशियों को डिटेंशन सेंटर में किया जाएगा शिफ्ट
पुलिस के मुताबिक सभी बांग्लादेशियों को डिंटेशन सेंटर में शिफ्ट किया जाएगा. बताते चलें कि हाल में ही कर्नाटक के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने भी गैर कानूनी तरीके से भारत में प्रवेश करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इससे पहले बंगाल में भी पुलिस ने एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया था.
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जानें क्या होता है डिटेंशन सेंटर
आसान भाषा में कहें तो गैर कानूनी तरीके से देश में घुसने वाले विदेशी नागरिकों को डिंटेशन सेंटर में रखा जाता है. उन्हें तब तक डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है, जब तक यह मालूम न चल जाए कि वे किस देश के नागरीक हैं. वहीं, पता चलने पर उन्हें उनके देश (जिस देश के वे नागरीक हैं) में वापस भेज दिया जाता है. दुनिया के कई देशों में डिटेंशन सेंटर मौजूद हैं. बताते चले कि भारत सरकार ने विदेशी कानून 1946 के सेक्शन 3 (2 सी) के तहत अवैध रूप से देश में घुसने वाले लोगों को उनके देश वापस भेजने प्रावधान है.