नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज जोर दिया कि जो भी व्यक्ति या संगठन भारत को दर्द देगा, उसे उसी तरह का दर्द देना चाहिए लेकिन यह कैसे, कब और कहां होगा, वह भारत की पसंद के अनुरूप होना चाहिए. रक्षा मंत्री की यह टिप्पणी पठानकोठ आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में सामनेआयी है. सेना प्रमुख जनरल दलवीर सिंह सुहाग समेत सेना के शीर्ष अधिकारियों एवं अन्य लोगों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इतिहास हमें यह बताता है कि जो लोग नुकसान पहुंचाते हैं, जब तक उन्हें उस दर्द की अनुभूति नहीं होती, वे नहीं बदलते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘ यह मेरा मत है, इसे सरकार की सोच के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए… मैं हमेशा से मानता हूं कि अगर कोई आपको नुकसान पहुंचाता है, तब वह उसी भाषा को समझता है.’ सेना की ओर से आयोजित एक समारोह में पर्रिकर ने कहा, ‘‘ यह कैसे, कब और कहां हो, यह आपकी पसंद होनी चाहिए. कोई इस देश को नुकसान पहुंचाता है, तब उस व्यक्ति या संगठन… मैं व्यक्ति और संगठन शब्द का उपयोग कर रहा हूं…. उन्हें ऐसे कार्यो के लिए उसी तरह का दर्द दिया जाना चाहिए.’
इस बारे में विस्तार से बताने पर जोर देने पर पर्रिकर ने बाद में कहा, ‘‘ बुनियादी सिद्धांत यह है कि जब तक आप दूसरों को दर्द नहीं देंगे, चाहे वह कोई भी क्यों न हो, तब वह ऐसी घटनाएं कम नहीं होंगी.’ पठानकोट हमले का जिक्र किये बिना मंत्री ने कहा कि जिन सात सैनिकों ने बलिदान दिया, उन पर देश को गर्व है लेकिन इस नुकसान से उन्हें दुख पहुंचा है.
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ समय आ गया है कि जब हम अपने सैनिकों को बताएं कि ऐसा हो सकता है कि हमें कुछ सैनिकों का नुकसान हो. इस घटना में सीधे मुकाबले में हमें एक सैनिका को खोना पड़ा.” पर्रिकर ने कहा कि हमें उन्हें इस अवधारणा के बारे में सोचने के लिए कहना चाहिए कि आप अपने शत्रु, अपने देश के शत्रुओं की जान लें, बजाए इसके कि अपनी जान दें. यह महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि बलिदान का सम्मान किया जाना चाहिए, देश को जरूरत इस बात की है कि शत्रुओं को खत्म किया जाए. यह पूछे जाने पर कि क्या इसका अर्थ पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की नीति में बदलाव से है, रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर कोई आता है और हथौड़ा मारता है, तो क्या आप चुप रहेंगे? यह कैसी नीति है? उन्होंने कहा, ‘‘ मैं जो आपसे कह रहा हूं कि वह यह है कि इतिहास हमें बताता है कि जो लोग आपको नुकसान पहुंचाते हैं, अगर उन्हें यह आभास नहीं होता कि इससे क्या दर्द होता है तो वह नहीं बदलेंगे.”
मालूम हो कि दो जनवरी को पाकिस्तान में प्रशिक्षण पाये जैश ए मोहम्मद के आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था, जिसमें सात जवान शहीद हुए थे व 20 घायल हुए थे. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान को सबूत देकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.