सुप्रीम कोर्ट ने कहा, लालबत्ती अब केवल उच्च संवैधानिक पदों के लोगों के लिए

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वाहनों पर लाल बत्ती की इजाजत केवल संवैधानिक पद पर आसीन लोगों और उच्च पदस्थ हस्तियों को ही दी जानी चाहिए ताकि स्थानीय नेता प्रतिष्ठा के प्रतीक के रुप में इसका दुरुपयोग नहीं करें. न्यायमूर्ति जी. एस. सिंघवी की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने केंद्र सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2013 1:13 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि वाहनों पर लाल बत्ती की इजाजत केवल संवैधानिक पद पर आसीन लोगों और उच्च पदस्थ हस्तियों को ही दी जानी चाहिए ताकि स्थानीय नेता प्रतिष्ठा के प्रतीक के रुप में इसका दुरुपयोग नहीं करें. न्यायमूर्ति जी. एस. सिंघवी की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह अपने वाहनों पर लाल बत्ती का उपयोग करने के पात्र लोगों की एक ताजा सूची जारी करे.

अदालत ने केंद्र सरकार से यह भी कहा कि वह इस संबंध में तीन माह के अंदर नियम-कायदे में संशोधन करे. खंडपीठ ने यह भी कहा कि राज्य सरकारें वाहनों पर लाल बत्ती लगाने के पात्र विशिष्ट लोगों (वीआईपी) की सूची में विस्तार नहीं कर सकते.

न्यायालय ने वाहनों पर लाल बत्ती के दुरुपयोग रोकने का आग्रह करने वाली उत्तर प्रदेश निवासी अभय सिंह की एक जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया.

इससे पहले, खंडपीठ ने कहा था विशिष्ट व्यक्तियों (वीआईपी को) सरकार से आबंटित लाल बत्ती और साइरन का दुरुपयोग समाज के लिए खतरा बन गया है और इसे अवश्य रोकना चाहिए.

अदालत ने यह भी कहा है कि लाल बत्ती हैसियत का प्रतीक बन गई है. पुलिसकर्मियों को वीआईपी लोगों को सुरक्षा कवच प्रदान करने में लगाए जाने के बजाय महिलाओं के लिए सड़क को सुरक्षित बनाने जैसे बेहतर उद्देश्यों में लगाया जाना चाहिए.

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