नयी दिल्ली : बसपा सांसद धनंजय सिंह को दिल्ली की एक अदालत ने संसद के शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत देने से आजइनकार कर दिया. धनंजय को अपनी नौकरानी की हत्या के सिलसिले में पत्नी के साथ गिरफ्तार किया गया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दया प्रकाश ने धनंजय की याचिका खारिज कर दी. धनंजय उत्तर प्रदेश के जौनपुर से सांसद हैं. सांसद ने संसद के मौजूदा सत्र में हिस्सा लेने के लिए अंतरिम जमानत की मांग की थी. संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त होना है.
धनंजय और उनकी दंत चिकित्सक पत्नी जागृति सिंह तिहाड़ जेल में बंद हैं. जागृति यहां आरएमएल अस्पताल में दंत शल्य चिकित्सक के तौर पर काम करती थीं. उन्हें गत पांच नवंबर को उनकी 35 वर्षीय नौकरानी राखी की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. राखी पश्चिम बंगाल की रहने वाली थी. जागृति को आईपीसी की धारा 302 (हत्या), धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 344 (गलत तरीके से कैद करके रखना) और किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था. धनंजय को सबूतों को नष्ट करने, नौकरानी की मौत के बारे में तत्काल पुलिस को सूचित नहीं करने और एक किशोर को नौकर के तौर पर काम पर रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वह हत्या और उप्र गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी आरोपों का सामना कर रहे हैं.
इससे पहले मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मनोचा ने धनंजय की जमानत याचिका 20 नवंबर को खारिज कर दी थी. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं और पूर्व के आचरण की वजह से वह किसी भी तरह की नरमी के हकदार नहीं हैं. धनंजय ने बाद में एक सत्र अदालत के समक्ष जमानत याचिका दी थी लेकिन उनका आवेदन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दिया था. न्यायाधीश ने यह कहते हुए उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि उन्होंने अत्याचारों में ‘सक्रियता से हिस्सा’ लिया. इसने उनके घरेलू नौकरों की विपदा को और बढ़ा दिया.