पठानकोट हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों से मिले केजरीवाल
नयी दिल्ली :दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज पंजाब के पठानकोट और गुरदासपुर गए जहां उन्होंने शहीद के परिवार से मुलाकात करके परिजन का दर्द बांटा. पत्रकारों ने केजरीवाल से पूछा कि लोग कह रहे हैं कि आप राजनीतिक फायदे के लिए यहां आए हैं ? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए केजरीवाल ने कहा […]
नयी दिल्ली :दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज पंजाब के पठानकोट और गुरदासपुर गए जहां उन्होंने शहीद के परिवार से मुलाकात करके परिजन का दर्द बांटा. पत्रकारों ने केजरीवाल से पूछा कि लोग कह रहे हैं कि आप राजनीतिक फायदे के लिए यहां आए हैं ? इस प्रश्न का उत्तर देते हुए केजरीवाल ने कहा कि मैने यहां ऐसा कुछ नहीं कहा जिससे मुझे राजनीतिक रुप से फायदा मिले.आपको बता दें कि पठानकोट हमले में हवलदार कुलवंत सिंह और कैप्टन फतेह सिंह की मौत हो गयी थी जो गुरदासपुर के रहने वाले थे.
केजरीवाल ने हमले में शहीद हुए जवानों और आतंकियों द्वारा मारे गए एक टैक्सी चालक के परिजनों से मुलाकात की तथा प्रत्येक के नजदीकी रिश्तेदार के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की. केजरीवाल ने यहां हवलदार कुलवंत सिंह, मानद कैप्टन फतेह सिंह और टैक्सी चालक इकागर सिंह के परिजनों से मुलाकात की.
उनके परिजनों के साथ दु:ख व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘‘यह एक बडा नुकसान है. आज हम अपने घरों में शांति से सो पा रहे हैं क्योंकि हमारे जवान हमारी सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं. महत्वपूर्ण पठानकोट वायुसेना स्टेशन की रक्षा कर शहीदों ने महान कार्य किया.” उन्होंने कहा कि वे देश के लिए लडे और सारे देश को उनके उपर गर्व है.
केजरीवाल कल मुक्तसर में माघी मेला के अवसर पर यहां एक राजनीतिक सभा को संबोधित करेंगे। उनकी पार्टी 2017 में पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों में जीत के लिए प्रयासरत है. पार्टी के एक प्रवक्ता ने बताया कि आज वह रात्रि में बठिंडा में रुकेंगे. परिजनों से मुलाकात के दौरान आप के वरिष्ठ नेता संजय सिंह, सच सिंह छोटेपुर, आशुतोष और एच. एस. फुल्का केजरीवाल के साथ मौजूद थे.
आप पंजाब में दिल्ली वाली सफलता दोहराने का लक्ष्य लेकर चल रही है. 2014 में लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने पंजाब की 13 सीटों में से चार पर कब्जा जमाया था. केजरीवाल ने इससे पहले अक्तूबर में पंजाब का दौरा किया था। उस समय पंजाब में धर्मग्रंथ को अपवित्र किए जाने को लेकर विरोध प्रदर्शनों का दौर चल रहा था.