नयी दिल्ली : सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने आज पठानकोट हमले पर सार्वजनिक रूप से पहली बार अहम बयान दिया. उन्होंने कहा है कि मैं आश्वस्त करता हूं कि पठानकोट ऑपरेशन में सुरक्षा बलों के बीच समन्वय की कमी कोई मुद्दा नहीं था. उन्होंने कहा कि ऐसे ऑपरेशनों के जिम्मेवारी मोर्चा संभाल रहे कमांडरों पर छोड़नी चाहिए. सेना प्रमुख ने यह भी कहा है कि इलाके से बरामद किये गये पाकिस्तान में बने थे और इसकी जांच एनआइए कर रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना किसी भी टॉस्क के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि हमने ऑपरेशन में ज्यादा समय इसलिए लिया, ताकिहमारेलोग हताहत कम से कम हों. भारतीय सेना किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार है.उन्होंने कहा कि पठानकोट एयरबेस पर आतंकियों द्वारा किये गये हमले के विरुद्ध चलाया गया आॅपरेशन कोई आसान ऑपरेशन नहीं था. उन्होंने कहा कि जितनी भी हमारे लोग हताहत हुए वे शुरुआती कुछ मिनटों में ही हुए. ऑपरेशन के दौरान कोई हताहत नहीं हुआ और हमारे सुरक्षा बलों ने बहुत अच्छे से ऑपरेशन चलाया. सुहाग ने कहा कि आॅपरेशन की जिम्मेवारी वहां मोर्चा संभाल रहे कमांडरों पर छोड़ देना चाहिए.
सेना प्रमुख ने कहा कि जब बिल्डिंग में दो आतंकी बचे थे, तो वहां हमारे भी सैनिक थे. ऐसे में हमारी प्राथमिकता दी कि पहले वहां से हम अपने सैनिकों को सुरक्षित बाहर निकालें और फिर आतंकियों के खिलाफ हमलावर हों.
उन्होंने कहा कि बंधक बनाये जाने से निबटने के लिए ही एनएसजी कमांडो बुलाये गये थे. उन्होंने कहा कि एयरबेस के 10 हजार लोगों की जिंदगी हमारे लिए अहम थी. उन्होंने कहा कि मैं खुद पठानकोट ऑपरेशन की निगरानी कर रहा था.
सेना प्रमुख ने कहा कि साइबर हमले अब सीमाओं को निष्प्रभावी बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि बदलते दौर में देश की सुरक्षा अधिक जटिल होती जा रही है.
उन्होंंने कहा कि मौजूदा दौर में लड़ाई के तौर तरीके में बदलाव हुए हैं, जिसके लिए भारतीय सेना पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना आर्मी डिजाइन ब्यूरो की स्थापना कर रही है. सुहाग ने कहा कि हमारी जानकारी में पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में इस समय 17 आतंकवादी कैंप चलाये जा रहे हैं.
सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग का यह बयान इस मायने में अहम है कि मीडिया में एनएसए अजीत डोभाल पर सवाल उठाये जा रहे थे कि उनके नेतृत्व में ही ऑपरेशन चलाया गया और समन्वय की कमी थी. उनके कुछ फैसलों की एक वर्ग द्वारा निंदा भी की जा रही थी.