नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु में सांड को काबू में करने संबंधी विवादास्पद खेल जल्लीकट्टू के आयोजन पर लगा प्रतिबंध हटाने की केंद्र की अधिसूचना पर लगायी रोक हटाने से आज इनकार कर दिया.न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एनवी रमण की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाने संबंधी कल के न्यायालय के आदेश में किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता नहीं है.
मुख्यमंत्री जयललिता ने भी इसके आयोजन को लेकर केंद्र सरकार से मदद मांगी थी. पिछले दिनों उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अध्यादेश लाने तक की मांग कर दी थी. राज्य सरकार का तर्क है कि इस आयोजन के पीछे पौराणिक मान्यताएं जुड़ी है इसलिए इसके आयोजन को नहीं रोका जाना चाहिए.
कुल मिलाकर इसके आयोजन की मांग को लेकर राज्य सरकार अड़ी है तो दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट इसकी इजाजत नहीं दे रहा. केंद्र सरकार ने भी इसके आयोजन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा. केंद्रीय पर्यावरण और वन विभाग इसके आयोजन के पक्ष में है. जल्लीकट्टू के आयोजन पर रोक भारतीय पशु कल्याण बोर्ड और पशु संरक्षण से जुड़ी अमेरिकी संस्था पीपुल्स फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स(पेटा) जैसी संस्थाओं के विरोध के बाद लगाया गया.
जल्लीकट्टू के आयोजन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये हैं. इस आयोजन का समर्थन करने वाले लोगों ने तमिलनाडु के मदुरै कलेक्ट्रेट पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और जल्लीकट्टू के आयोजन के पक्ष में नारे लगाये. अब सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू के आय़ोजन पर किसी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है ऐसे में संभव है कि राज्य सरकार केंद्र पर और दबाव बनाये