दिल्ली राष्ट्रपति शासन की ओर!

नयी दिल्लीः अब तक सरकार बनाने के लिए पार्टियों को एक-दूसरों से भिड़ते हुए देखा जाता था, पर ऐसा पहली बार हो रहा है ,जब दिल्ली में कोई भी सरकार नहीं बनाना चाहता है. आम आदमी पार्टी और भाजपा में विपक्ष में बैठने की होड़ लगी है. आप और भाजपा ने मंगलवार को एक बार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2013 5:20 AM

नयी दिल्लीः अब तक सरकार बनाने के लिए पार्टियों को एक-दूसरों से भिड़ते हुए देखा जाता था, पर ऐसा पहली बार हो रहा है ,जब दिल्ली में कोई भी सरकार नहीं बनाना चाहता है. आम आदमी पार्टी और भाजपा में विपक्ष में बैठने की होड़ लगी है.

आप और भाजपा ने मंगलवार को एक बार फिर साफ किया कि उनके पास बहुमत नहीं है, इसलिए सरकार बनाने का सवाल ही पैदा नहीं होता. इससे साफ हो गया है कि दिल्ली में फिर चुनाव होंगे और कुछ समय के लिए यहां राष्ट्रपति शासन भी लगाया जा सकता है.

फिर से चुनाव के लिए तैयार : 31 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी भाजपा विधायक दल की बैठक हुई.पार्टी नेता नितिन गडकरी व वैंकेया नायडू ने कहा, दिल्ली में सरकार बनाने की कोई संभावना नहीं है. हमें सरकार बनाने का जनादेश नहीं मिला इसलिए पार्टी फिर से चुनाव को तैयार हैं. चुनाव के पक्ष में नहीं : इस बीच, कांग्रेस ने कहा है कि वह दिल्ली में फिर चुनाव के पक्ष में नहीं है. पार्टी विधायक दल की बैठक के बाद पार्टी के दिल्ली प्रभारी शकील अहमद ने कहा, हमारी पार्टी दिल्ली में तुरंत चुनाव के पक्ष में नहीं हैं. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इस संबंध में फैसला लेने का अधिकार आलाकमान पर छोड़ दिया गया है.

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