नयी फसल बीमा योजना किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव लायेगी : मोदी
नयी दिल्ली : देश में लगातार दो साल से सूखे की स्थिति के बीच केंद्र ने आज एक नयी फसल बीमा योजना को मंजूरी दी जिसके तहत किसानों अनाज एवं तिलहनी फसलों के बीमा संरक्षण के लिए अधिकतम दो प्रतिशत और उद्यानिकी तथा कपास की फसलों के लिए अधिकतम पांच प्रतिशत तक प्रीमियम रखा गया […]
नयी दिल्ली : देश में लगातार दो साल से सूखे की स्थिति के बीच केंद्र ने आज एक नयी फसल बीमा योजना को मंजूरी दी जिसके तहत किसानों अनाज एवं तिलहनी फसलों के बीमा संरक्षण के लिए अधिकतम दो प्रतिशत और उद्यानिकी तथा कपास की फसलों के लिए अधिकतम पांच प्रतिशत तक प्रीमियम रखा गया है.
यह बहु-प्रतीक्षित योजना – प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना – इस साल खरीफ सत्र से लागू होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विश्वास व्यक्त किया कि सरकार द्वारा स्वीकृत नयी फसल बीमा योजना किसानों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी. उन्होंने कहा कि इस योजना में आपदा की परिभाषा का विस्तार किया गया है और इसमें मौजूदा योजनाओं की कमियों को दूर किया गया है.
मंत्रिमंडल द्वारा नयी योजना की मंजूरी के कुछ घंटे बाद मोदी ने ट्वीट किया, किसान भाईयों एवं बहनों, ऐसे समय में जब आप लोहडी, पोंगल और बीहू जैसे त्यौहार मना रहे हैं, सरकार ने आपको प्रधानमंत्री के फसल बीमा योजना के रुप में उपहार दिया है. मोदी ने कहा, यह एक ऐतिहासिक दिन है. मुझे पूरा विश्वास है कि इस योजना, जो किसानों के हितों पर विचार करने से प्रेरित है, किसानों के जीवन में महत्वपूर्ण तब्दीली आयेगी.
अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना में मौजूदा योजना के सफल पहलुओं को शामिल किया गया है और उसमें जो कमी थी उसको दूर करने के प्रभावी उपाय किये गये हैं. उन्होंने कहा, इस योजना में प्रीमियम की दर सबसे कमतर है, इसमें मोबाइल फोन जैसी प्रौद्योगिकी के आसनी से इस्तेमाल की बात है, क्षति का त्वरित आकलन और एक निश्चित समय के भीतर उसके लिए वितरण किये जाने की बात शामिल है. मोदी ने कहा कि इसमें आपदा की परिभाषा का विस्तार किया गया है ताकि फसल के पानी में डूबने और कटाई के बाद की क्षति जैसे पहलुओं को शामिल किया जा सके. उन्होंने कहा कई अन्य पहलुओं की ओर भी ‘विशेष ध्यान’ दिया गया है.
उन्होंने कृषक समुदाय से कहा, इसे लेना और इससे लाभ प्राप्त करना आसान है, इसलिए आप इसमें जरुर शामिल हों. देश में कृषक समुदाय मुश्किलों को झेल रहे हैं और उनमें से कइयों ने आत्महत्या की है.
* नयी योजना मौजूदा राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना और परिवर्तित एनएआईएस की जगह लेगी
नयी योजना मौजूदा राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) और परिवर्तित एनएआईएस की जगह लेगी जिसमें कुछ अंतर्निहित खामियां हैं. सूत्रों ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने नई फसल बीमा योजना पर कृषि मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.’ उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने अनाज और तिलहनी फसलों के लिए 1.5 से दो प्रतिशत तक और उद्यानिकी तथा कपास की फसलों के बीमा के लिए पांच प्रतिश्त तक प्रीमियम रखे जाने को मंजूरी दी है.
किसानों के लिए रबी के अनाज एवं तिलहनी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत प्रीमियम जबकि खरीफ के अनाज तथा तिलहनों के लिए दो प्रतिशत प्रीमियम देना होगा. उद्यानिकी और कपास की फसल के लिए दोनों सत्रों मौसम में पांच प्रतिशत तक प्रीमियम तय किया गया है.
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से फसल बीमा संरक्षण का दायरा कुल 19.44 करोड़ हेक्टेयर फसल क्षेत्र के 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा जो फिलहाल इसके 25-27 प्रतिशत रकबे तक ही है. इससे इस योजना पर व्यय बढ़कर करीब 9,500 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि इस योजना में प्रीमियम पर कोई सीमा नहीं होगी और बीमित राशि में भी कमी नहीं की जाएगी. इसके साथ ही संभावित दावे के 25 प्रतिशत के बराबर राशि का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा और पूरे राज्य के लिए एक बीमा कंपनी होगी. साथ ही यही कंपनी स्थानीय जोखिम के लिए कृषि पर नुकसान और फसल के बाद नुकसान का आकलन भी वही करेगी.
भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड के साथ निजी बीमा कंपनियां इस योजना का कार्यान्वयन करेंगी. दावों से जुडा़ सारा उत्तरदायित्व बीमाकर्ता का होगा और सरकार शुरू में ही प्रीमियम सब्सिडी देगी. नयी योजना महत्वपूर्ण है क्योंकि देश मानसूनी बारिश में कमी के कारण लगातार दूसरे साल सूखे का सामना कर रहा है और सरकार चाहती है कि बीमा के दायरे में कुछ और फसलों को शामिल किया जाए ताकि किसानों को मानसून की अनिश्चितता से बचाया जा सके.