ओबीसी मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा : कार्यवाही बाधित
नयी दिल्लीः उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की 17 जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल किए जाने की मांग करते हुए सपा एवं बसपा सदस्यों ने आज राज्यसभा में हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही बार बार बाधित हुई.सपा ने इस संबंध में पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में वायदा […]
नयी दिल्लीः उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की 17 जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल किए जाने की मांग करते हुए सपा एवं बसपा सदस्यों ने आज राज्यसभा में हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही बार बार बाधित हुई.सपा ने इस संबंध में पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में वायदा किया था और अगले आम चुनावों में ज्यादा देर नहीं रह जाने के बीच वह इस मुद्दे पर दबाव दे रही है.
सुबह बैठक शुरु होते ही उच्च सदन में यह मुद्दा उठा. सपा के सदस्य इस मांग के समर्थन में नारेबाजी करते हुए आसन के समक्ष आ गये. अन्य दलों के सदस्य भी विभिन्न मुद्दों पर हंगामा कर रहे थे. हंगामे के कारण बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
बैठक दोबारा शुरु होते ही सपा और बसपा सदस्य अपनी मांग के समर्थन में नारेबाजी करते हुए आसन के पास आ गये. हंगामे के कारण बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित की गयी.दोपहर दो बजे बैठक शुरु होने पर भी वही नजारा दिखा और सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.
इन 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति सूची में शामिल करने का प्रयास 2005 में ही शुरु हुआ था. मुलायम सिंह यादव नीत तत्कालीन सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा :अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण: कानून, 1994 में संशोधन किया था ताकि इन 17 जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल किया जा सके.इन जातियों में बंजारा, कहार, कश्यप, केवट, निषाद, बिंद, प्रजापति, राजभर, गौर, माझी, मल्लाह, कुम्हार आदि शामिल हैं. हालांकि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस आदेश को रद्द कर दिया था.