नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि सरकार राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति की रुपरेखा को तैयार कर रही है और इसको लागू करने से विकास को गति मिलेगी. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तत्वावधान में आने वाले औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ने आईपीआर नीति का मसौदा तैयार कर इसे वितरित कर दिया था तथा इस पर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी थी. अंतिम नीति को तैयार किया जा रहा है.
यहां उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित ‘अवैध व्यापार’ पर आयोजित एक आयोजन में पासवान ने कहा है कि राष्ट्रीय आईपीआर नीति अंतिम रुप दिये जाने के करीब है और हमें उम्मीद है कि इस नीति को जारी होने के साथ भारत को अपने आर्थिक विकास और सामाजिक आर्थिक विकास एजेंडा में महत्वपूर्ण गति मिलेगी. मंत्री ने कहा कि एक वैश्विक आर्थिक शक्ति के रुप में भारत की भूमिका और एक निवेश गंतव्य का दर्जा निरंतर देश के मजबूत बौद्धिक संपदा अधिकार कानून के साथ आईपीआर को सुनिश्चित करने तथा कानूनों और नियमों को लागू करने के साथ इन्हें संरक्षित करने की क्षमता से जुडता जा रहा है.
पासवान ने कहा कि नकली उत्पादों का उपभोक्ताओं पर सीधा असर होता है. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता उपभोक्ताओं को संरक्षित करना है तथा उपभोक्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और अनुचित व्यापार व्यवहार पर अंकुश लगाने के लिए कई उपाय किये गये हैं. हालांकि मंत्री ने आगाह करते हुए यह भी कहा कि उपभोक्ताओं को न केवल सामानों के बिक्री और खरीद के वाणिज्यिक पहलु के बारे में जागरुक करना होगा बल्कि उन्हें स्वास्थ्य और सुरक्षा चिंताओं के बारे में भी जागरुक करना होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि कंपनियों को अपने निगमित सामाजिक दायित्व :सीएसआर: कोष का कुछ अंश ऐसे मुद्दों पर उपभोक्ताओं के बीच जागरकता फैलाने के लिए अलग रखना चाहिये.