ISIS के खतरे के मद्देनजर सोशल मीडिया पर सरकार करेगी निगाह पैनी

नयी दिल्ली : गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज केंद्रीय खुफिया विभाग, जांच एजेंसियों और 13 राज्यों की पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक की और सोशल मीडिया एवं अन्य स्रोतों के माध्यम से युवाओं के बीच आइएसआइएस के बढते प्रभाव पर नजर बनाए रखने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की. कुछ भारतीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2016 4:47 PM

नयी दिल्ली : गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज केंद्रीय खुफिया विभाग, जांच एजेंसियों और 13 राज्यों की पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक बैठक की और सोशल मीडिया एवं अन्य स्रोतों के माध्यम से युवाओं के बीच आइएसआइएस के बढते प्रभाव पर नजर बनाए रखने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा की.

कुछ भारतीय युवाओं का आइएसआइएस की तरफ बढते रुझान और इस उभरती चुनौती से निपटने के मसले पर सिंह ने आज एक दिनभर चलने वाली बैठक की. भारतीय युवाओं के आइएसआइएस से जुड़ाव को आइएसआइएल या दाएश (डीएइएसएस) के नाम से भी जाना जाता है.

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘इस मसले के साथ सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर भी चर्चा कीगयी. इसके साथ विशेष तौर पर युवाओें के बीच भारत और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में दाएश (डीएइएसएस) के बढ़ते प्रभाव और इसकी प्रतिक्रिया में संभावित कानूनों को लागू करने के बारे में भी बात की गयी.’ इस दौरान अल्पसंख्यकों के लिए उपयुक्त कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, सोशल मीडिया को लेकर रणनीति का पालन और राज्य पुलिस संगठनों का क्षमता निर्माण विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्षमता बढाने के मसले पर चर्चा की गयी.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा कि भारतीय परंपरा और पारिवारिक मूल्य इस बुराई पर भी विजय पा लेंगे. इसके अलावा दाएश (डीएइएसएस) का भारत में फैलाव भी बहुत सीमित है और अन्य देशों के मुकाबले लगभग नगण्य है, लेकिन फिर भी सभी मोर्चों पर निगरानी रखे जाने की जरूरत है और किसी भी हाल में सुरक्षा से समझौता नहीं किया जा सकता.

सिंह ने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में लोग और मुस्लिम संगठनों ने दाएश (डीएइएसएस) एवं अन्य आतंकवादी स्वरूपों का विरोध किया है.

आज बैठक में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस के शीर्ष अधिकारी भी सम्मिलित हुए. इनमें उत्तर प्रदेश, केरल, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र ने हिस्सा लिया.

खुफिया एजेंसियों के अनुसार अब तक 23 भारतीय आइएसआइएस में भर्ती हुए हैं और इनमें से छह की विभिन्न घटनाओं में मौत हो जाने की खबर है. लगभग 150 भारतीयों को आइएसआइएस के साथ कथित जुड़ाव होने की आशंका में निगरानी में रखा गया है.


Next Article

Exit mobile version